लक्ष्मी गौशाला संचालन समिति से मांगी गई ऑडिट रिपोर्ट, बनाया गया भूमि के उपयोग का पंचनामा


शहर की सबसे पुरानी लक्ष्मी गौशाला में पहुंचे तहसीलदार सहित राजस्व और पशुपालन विभाग का अमला।


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धार Published On :
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धार। ग्राम जेतपुरा स्थित श्री लक्ष्मी गौशाला में मंगलवार को तहसीलदार एवं पटवारियों की टीम ने गौशाला का निरीक्षण किया और आवंटित भूमि के भू-उपयोग को लेकर पंचनामा बनाया है। यह सब कार्रवाई टीएल बैठक में गौशाला से संबंधित विषय को लेकर जवाब तैयार करने के तहत की गई है।

दशकों से शहर में इस गौशाला का संचालन किया जा रहा है। इसमें वर्तमान में अध्यक्ष भाजपा नेता नरेश राजपुरोहित है। गौशाला संचालन समिति से ऑडिट रिपोर्ट मांगी गई है। ऑडिट रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ दिन का समय मांगा गया है।

गौशाला की जांच के मामले में अधिकारी खुलकर कुछ भी नहीं बता रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में एक शिकायत आई है जिसमें गौशाला के साथ लगी भूमि पर कब्जा करना बताया गया है। इसी के तहत गौशाला को दी गई भूमि का क्षेत्रफल और उपयोग पंचनामा बनाया गया है।

180 बीघा के लगभग है जमीन-

श्री लक्ष्मी गौशाला के पास करीब 135 गायें वर्तमान में पाई गई हैं। इसमें 16 के लगभग दुधारू पशु हैं। जेतपुरा के साथ बटालियन के पास भी करीब 60 बीघा जमीन है। वहीं गौशाला के साथ 120 बीघा के लगभग जमीन है।

करीब 46 हैक्टेयर कुल जमीन गौशाला के अधिपत्य में बताई जा रही है। इसमें कुछ भूमि पर खेती हो रही है और कुछ भूमि पड़त की है। पौधारोपण सहित अन्य गतिविधियां की जा रही हैं। पंचनामे में सभी चीजों का उल्लेख किया गया है।

इसी के साथ समिति से ऑडिट रिपोर्ट ली जा रही है। फसल, दूध एवं कितने माध्यमों से समिति को आय होती है। खर्च, शासकीय अनुदान के पश्चात कितना पैसा मुनाफे में या घाटे में है, इस सब की जानकारी हेतु ऑडिट रिपोर्ट ली जा रही है। समिति नियमित ऑडिट कर रही है या नहीं इस बात को ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से तय किया जाएगा।

पशुपालन विभाग पर उठे सवाल –

मंगलवार को पंचनामा बनाने के दौरान पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मी भी मौके पर मौजूद थे। गायों की गणना की गई है। गायों से होने वाला दुग्ध उत्पादन डेयरी को दिए जाने की जानकारी सामने आई है।

इधर विभाग द्वारा प्रति गाय 20 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गौशालाओं को अनुदान दिया जाता है। अभी तक कितना अनुदान दिया गया है। इसकी भी जानकारी ली जा रही है।

शहर से एकत्रित होता है गौग्रास –  

श्री लक्ष्मी गौशाला द्वारा गौशालाओं में मौजूद गायों के लिए पूरे शहर से गौग्रास एकत्रित किया जाता है। बकायदा समिति का एक वाहन सुबह-शाम शहर में फेरा लगाकर गौग्रास एकत्रित करता है। इस तरह की व्यवस्था कुछ वर्ष पूर्व ही प्रारंभ की गई है।

इस तरह के कई कार्य है जिसमें गौशाला समिति पैसा खर्च करती है। आय और खर्च का तुलनात्मक विवरण ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से लिया जाएगा।

इनका कहना है –

गौशालाओं में प्रशासनिक निरीक्षण सामान्य प्रक्रिया है। हमारे पास ऑडिट रिपोर्ट सहित सभी दस्तावेज है। हमसे दस्तावेज मांगे जाएंगे तो हम उसे प्रस्तुत करेंगे। गौशाला में बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है। सवा 100 से अधिक गाय हमारे पास वर्तमान में मौजूद हैं। हम और भी नई गतिविधियां गौ कल्याण एवं पर्यावरण के बढ़ावे हेतु प्रारंभ करने वाले है। समिति में हमें दायित्व मिले थे, उसी को हम निभा रहे हैं।

– नरेश राजपुरोहित, श्री लक्ष्मी गौशाला समिति अध्यक्ष, धार 



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