हफ्ते भर बाद नज़र आया सूरज, तेज़ ठंड से फसलों को नुकसान


फसलों को लेकर चिंतित हैं किसान कड़ाके की ठंड कहीं मुरझा रहे फूल तो कहीं झड़ रहीं फसलों की फलियां, तापमान 13 डिग्री पर लेकिन दृश्यता 70 मीटर, धूप नहीं मिलने के कारण फसलों को नुकसान


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

नए साल की शुरूआत से ही मध्यप्रदेश का मौसम सर्द है। सर्द हवाएं चलने के साथ रिमझिम बारिश भी हो रही है और जिले में घना कोहरा है। एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड रबी फसल के लिए नुकसान का कारण बनने लगी है। कड़ाके की ठंड के कारण गेंहू, लहसून ,मक्का लहुसन, प्याज ,धनिया और चना की फसल का फूल मुरझाने लगा है। जबकि कई स्थानों पर गेहूं व अन्य फसलों में फूलों के झड़ने की शिकायत सामने आ रही है।

जानकारों की मानें तो ऐसे मौसम में फसल की सिंचाई कर ही नुकसान से बचाया जा सकता है। लेकिन इस बार अच्छी वर्षा के चलते ट्यूबवेल चल रहे है। इस कारण फसलों में किसान पानी छोड़ रहे है। घने कोहरे के साथ रिमझिम बारिश से फसलों के फूलों में थोड़ी हानी हो सकती है।  मौसम का मिजाज सर्द और एकदम ठंडा बना हुआ है। लगातार छ दिन शुक्रवार को भी जिलेभर में घना कोहरा छाया रहा। कहीं-कहीं हुई बारिश से ठिठुरन और बढ़ गई।

सर्द हवाओं के कारण हाड़ कपा देने वाली ठंड जिलेभर में रही। हालांकि न्यूनतम तापमान 13 और अधिकतम 20 रहा लेकिन ठंड का अहसास ज्यादा रहा। बारिश और ठंडी हवाओं, कोहरे के कारण रबि की फसल में सर्वाधिक नुकसान आशंका बनी हुई है। कई जगह मटर लहुसन प्याज गेहूं की फसलों में फूलों को नुकसान पहुँचा रही है। वही शनिवार को सूर्य देव ने अपनी रोशनी दी है।

मौसम ने बढ़ा दी किसानों की चिंताः अन्य फसलों में भी आंशिक नुकसान लगातार कोहरे से नुकसान होना है अब सफलो को धूप की दरकार है क्योंकि धूप की कमी के कारण फसलों की चमक चली गई है है। जिससे अन्नदाता पर संकट खड़े हो रहे हैं। आने वाले समय में यदि बारिश भी होती है तो भी परेशानी बढ़ सकती है। फिलहाल लगातार कोहरे और रिमझिम बारिश ने फसलों में 5 फीसदी नुकसान ह्यो सकती है।

समय रहते यदि मौसम नहीं खुलता है तो रबी की फसलों पर संकट ही रहेगा। पिछले दो दिनों तक रुक-रुककर रिमझिम बारिश का दौर चला। अगर ऐसा ही मौसम रहा तो सबसे ज्यादा असर रबी सीजन की दलहनी फसलों के साथ ही आलू पर पड़ेगा। मौसम साफ होने के बाद तापमान कम होने से मटर, चना और आलू की फसलों पर पाला रोग का खतरा हो सकता है।

8-9 तारीख को बारिश की संभावना: मौसम विभाग के अनुसार नार्थ इंडिया से ठंडी हवा चल रही है और पश्चिमी विक्षोभ के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। आगामी 8-9 जनवरी को कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश के आसार बन रहे हैं। एक या दो दिन और कोहरा छाया रहने की ही उम्मीद है।

उत्तर भारत में लगातार हो रही बर्फबारी का यह असर है। मौसम में आई अनुकूलता के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं पूर्वी व अरब सागर से आ रही हवा के साथ नमी आ रही मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी हवा व अरब सागर से आ रही हवा के साथ नमी आ रही है। इनका टकरा उत्तरी हवा से हो रहा है।

नमी कोहरे का रूप ले रही है, आने वाले दो से तीन दिन तक ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। अभी अरब सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की स्थिति बन रही है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा के ऊपर बना हुआ है। अरब सागर से में सक्रिय होने वाला होने वाले सिस्टम के चलते धार व आसपास के क्षेत्र में आज और कल बारिश की संभावना बनी हुई है। 6 जनवरी के बाद उत्तरी हवा का रुख स्थिर होता है, तो ठंड का असर तेज होने की संभावना रहेगी

सर्दी से बचाव के लिए सिंचाई ही सहाराः  उन्नत किसानों की मानें तो फसल को सर्दी से बचाने के लिए सिंचाई ही एक मात्र सहारा है। इसके अलावा खेतों के चारों ओर धुआं कर भी फसल की सुरक्षा की जा सकती है। किसानों ने बताया कि खेत के चारों ओर धुआं करना संभव नहीं होता। इसलिए फसल की सिंचाई ही एक मात्र विकल्प है। लेकिन इसमें भी काफी परेशानी आ रही है। दरअसल अल्प वर्षा के चलते क्षेत्र के 25 फीसदी से भी अधिक जल स्रोत दम तोड़ चुके हैं। जिससे किसानों को अपनी फसल को बचाना मुश्किल नजर आ रहा है।

किस फसल को कितना फायदा ओर नुकसान: दिसंबर और जनवरी के मौसम में गेहूं में अच्छी ग्रोथ होती है। इन दोनों महीने में ठंड ज्यादा रहती है। 10 डिग्री के आसपास टेम्प्रेचर है तो ग्रोथ अच्छी होती है। अभी 10 डिग्री के आसपास ही दिन-रात का तापमान है। बारिश होने से फसल के लिए मौसम और भी बेहतर हो गया है। यदि फसल फूल वाली अवस्था में है तो नुकसान की आशंका भी है चना, और अन्य फसलों के लिए ठीक है। इससे इनका उत्पादन बढ़ जाता है, लेकिन कोहरा और शीतलहर से नुकसान की आशंका रहती है, क्योंकि इससे पौधे सूखने लगते हैं। इस प्रकार की शिकायतें सामने आने लगी हैं।

आलू लगातार नमी होने और धूप नहीं मिलने से आलू समेत बड़े पत्ते वाली फसलें प्रभावित हो रही है। फफूंद जनित रोग हो सकते हैं और पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। वही प्याज में भी पौधे सूखने की शिकायत मिल रहींहै इसके लिए किसान अभी से अलर्ट रहें। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेकर दवाओं का छिड़काव भी कर सकते हैं

अभी ज्यादा नुकसान नही है फसलों में:

अभी मौसम सही से खुला नही आने वाले दिनों में दो तरफ से मौसम सक्रिय है नार्थ इंडिया और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने के आसार बन रहे है। वहीं गेहूं, चना सहित अन्य फसलों में अभी ज्यादा नुकसान है। मौसम यदि समय से खुल जाता है तो धूप से काफी कुछ रिकवर हो जाएगा। फिलहाल सर्द मौसम में फसलों में थोड़ा बहुत नुकसान का अंदेशा है।

जीएस गठिया, कृषि वैज्ञानिक, धार

 

फसलों को लेकर अभी स्थिति ठीक है लगातार मौसम ठंडा रहने से गेहूं के पौधे की ग्रोथ होगी, जबकि चना मटर लहसुन में थोड़ा को नुकसान हो सकता है।

संगीता तोमर, उपसंचालक कृषि विभाग, धार

कोहरे व ठंड से नुकसान तो हैष लगातार एक सप्ताह से मोसम खराब है लगातार पौधा को धूप महि मिलने से भी नुकसान हो रहा है वही कोहरा से गेंहू चना, प्याज लहुसन समेत अन्य फसले प्रभावित हो रही है। जिन फसलों में फूल आ गए थे, वह कोहरे और बारिश के कारण झड़ गए हैं।

भगवान सिह लववंशी, किसान



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