इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहने वाले रहें सावधान, ठग टास्क देकर बना रहे शिकार


सायबर अपराध होने पर तत्काल साइबर अपराध हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल करें, नए नंबरों से फोन व मैसेज कर मोबाइल धारको अपने जाल में फँसाते हैं


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

इंटरनेट की दुनिया अब साइबर अपराधियों के कारण सुरक्षित नहीं है। भले ही इंटरनेट लोगों के जीवन में बड़े बदलाव लाए हो लेकिन अब उतना ही खतरनाक साबित हो गया है। हर साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। आज इसी अपराध जुड़ी हर जानकारी देंगे ताकि आप किसी भी साइबर क्राइम का शिकार ना हो। साइबर अपराध कई प्रकार के होते हैं जिसमें हैकर्स धोखेबाज पीड़ितों की प्रतिष्ठा, वित्त, व्यवसाय आदि को प्रभावित करने वाले विभिन्न साधनों का उपयोग करते हैं।

आज के समय मे आनलाइन ठगों के निशाने पर अब वह लोग हैं, जो अधिकांश समय इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग माध्यमों पर सक्रिय रहते हैं और उनकी आइडी आनलाइन नजर आती है। उनको यह आनलाइन ठग मोबाइल नंबर पर संदेश भेजकर, सीधे बात कर और ईमेल के माध्यम से संपर्क कर उनको पेज लाइक और पेज को हिट कराने का टास्क का झांसा देकर सौ रुपये से एक हजार रुपये तक देने का लालच देकर फंसाते हैं और जब वह उनके झांसे में आकर उनके पेज को ज्यादा से ज्यादा लाइक करने और कराने लगाने में जुट जाते तो उनके और अधिक रुपये कमाने का झांसा देकर उसे निवेश कराकर ठगी कर देते हैं। आनलाइन ठगों की इस वारदात को साइबर पुलिस टास्क फाड का नाम दिया है। अभी तक कहि मामले सामने आए है वह हर माह एक दो मामले सामने आते रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक इंटरनेट मीडिया के माध्यम इंस्टाग्राम, फेसबुक ओर यूट्यूब का ज्यादा उपयोग करने वाले युवक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास एक मोबाइल पर टास्क वर्क का संदेश आया, उस पर फेसबुक के कुछ चुनिंदा पेज को लाइक कराना था और लोगों से लाइक करना था, उसके बदले में शुरुआत में 100 रुपये देने की बात हुई, बाद में यह दस हजार तक राशि तक पहुंच गया, लेकिन रुपये निकलने से पहले से दूसरे टास्क पर लगा दिया गया। बाद में ज्यादा लाभ देने के लिए रुपये मांगे गए तो उन्होंने 15 हजार रुपये निवेश कर चार गुना पचास हजार देने की बात हुई, लेकिन बाद में जिस नंबर से फोन आया, वह बंद हो गया। इस तरह में उनके चंगुल में आ गया था मगर समय रहते रुपये की ठगी होने से बच गया। युवक ने बताता कि में अकेला इनके तरह ही और भी लोग हैं। जो टास्क ठगी में फंसकर रुपये गंवा चुके होंगे है।

 

झांसे पर झांसा मिलता जाता है:
जानकरो ने बताया जो ठगी के मामले आते है उसमें टास्क पूरा करने के लिए शुरुआत में सौ रुपये देने की बात होती है, उसके बाद रुपये एक हजार और तीन हजार का टास्क दिया जाता है, जब रुपये देने की बात होती है तो राशि बढ़ते जाते हैं और रुपये निकालने का मौका नहीं मिल पाता है, ज्यादा बात करने पर सिस्टम में खराबी की बात कहकर बात खत्म कर देते हैं। वही आज अधिकांश इन का रखे ध्यान रखे जिसमे मंडी, शासकीय योजना ‘केबीसी भुगतान , केवाईसी ,टेलीग्राम एप’ कोषालय’ बिजली विभाग’वीडियो कॉल’ खरीदी बिक्री वेबसाइट’ आधार में करेक्शन करवाना आदि बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। वह किसी अनजान नंबर से बात ना करें।

 
भोपाल पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर मुख्यालय के निर्देश पर जिले के एसपी मनोजकुमार सिंह द्वारा जिले के सभी सायबर टीम के साथ सभी थाना क्षेत्र में शिविर के माध्यम से लोगों को जागरूकता दी जा रही है वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकों का आयोजन किया जा रहा जिसमें फ्रॉड संबंधित जानकारी दी जा रही है। विशेष तौर पर किसान वर्ग के साथ इस तरह की घटना ज्यादा होती इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में जाकर बैठकों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। अगर कोई भी फ्रॉड कॉल आए उसको किसी प्रकार के ओपीडी दे और ना ही नए नंबरों से आप परिचित न हो उनसे ज्यादा बात ना करे अगर गलती से किसी व्यक्ति के साथ फ्रॉड हो गया तो वह तुरंत थाने व साइबर सेल में जाकर शिकायत करे और सायबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

युवा वर्ग आसानी से फसता है: क्राइम प्रभारी भेरूसिंह देवड़ा ने बताया की आज के समय में अगर सबसे अधिक शिकार हो रहा है तो वह युवा वर्ग हो रहा है क्योंकि आज बदलते समय के साथ बदलता वेशभूषा भी लोगों को हानि पहुंच रही है। आज हर व्यक्ति के हाथों में एंड्राइड मोबाइल है। दिन भर मे फ्रॉड व्यक्ति के फोन दो से चार फोन हर मोबाईल पर फर्जी आते है। इनका शिकार ज्यादातर ग्रमीण या तो कम पढ़े लिखे लोग आते है फ्रॉड करने वालो की गेंग में अधिकांश महिलाएं वर्ग द्बारा उपयोग किया जाता है । जिसे व्यक्ति आसानी से आकर्षित हो जाता है। व वीडियो कॉलिंग चैटिंग करने लगता है जिसे व उनको उनकी जाल में फंसाकर पैसे हेटने का काम शुरू कर देते हैं वही व्यक्ति अपनी इज्जत के कारण किसी को नहीं बताता है ।

 

जागरूकता के लिए हम जिले के सभी थाना क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं वहीं ग्रमीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर लोगों के साथ बैठक लेकर जागरुक कर रहे हैं वहीं फ्रॉड ना हो इसके लिए भी निरंतर हमारी टीम जिलेभर में कार्य कर रही है लोगो से पुलिस विभाग की अपील है कि आप किस तरह टास्क या ठगी से बचने के लिए लालच में न आए।

मनोज कुमार सिंह, एसपी धार

लोगों को इस तरीके से फंसाते हैं…
• ठगों की बनाई एक वेबसाइट पर इनका रजिस्ट्रेशन कराया जाता है।
• उसके टेलीग्राम एप पर पीडित् को जोड़ लिया जाता है, उस पर बातचीत होती है।
• वेबसाइट पर पीड़ित को बोनस अमाउंट दिया जाता है, जिसे खाते में रुपये जमा कराए जाने के लिए बताया जाता है।
• अब पीड़ित पूरी तरह से उनके चंगुल में फंस जाते है। इस वेबसाइट पर पूरी राशि नजर आती है।

•आजकल ठगों ने लड़कियों के माध्यम से भी फ्रॉड का नया कारोबार शुरू किया है मीठी-मीठी बातों में फंसा कर यह कार्य करते है।

 

इन बातों की सावधानी जरूरी…

• आनलाइन आने वाले किसी प्रकार के विज्ञापन की सत्यता की जांच कर ले।
• अगर आपको किसी रूप में बिना सूचना दिए जोड़ा जाता है तो तत्काल उस रूप से लेफ्ट हो जाए।
• किसी भी प्रकार की नौकरी के टास्क के लिए संदेश आने पर जवाब देने से बचे
• अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) को अपडेट रखें।
• अपडेटेड सॉफ्टवेयर्स – एप्लीकेशन्स का इस्तेमाल करें।
इंटरनेट एक्सेस के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों पर हमेशा एंटीवायरस का उपयोग करें और उन्हें अपडेट रखें।
• केवल वैध वेबसाइटों तक पहुँचने के लिए वेब ब्राउज़िंग रेलिंग सेट करें।
• मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और उन्हें बदलते रहें।
अलग-अलग प्लेटफॉर्म के लिए कभी भी एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल न करें।
• स्पैम ईमेल में अटैचमेंट-यूआरएल खोलने से बचें।
ऐसे लिंक न खोलें जिनका सोर्स अज्ञात हो।
• संदिग्ध संदेश- ईमेल के मामले में सीधे स्रोत से संपर्क करें।
•बैंक खाते की शेष राशि और गतिविधियों से अवगत रहें।
जब कोई व्यक्ति दुर्भावनापूर्ण तरीके से इंटरनेट पर आपसे संपर्क करता है, तो बिना देर किए साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करें।



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