स्वाभिमान यात्रा के सहारे महू की राजनीति में एक नए बाहरी नेता का पदार्पण


स्वाभिमान यात्रा के सहारे डॉ. निशांत खरे ने महू की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश की है। हालांकि यह कोशिश काफी हद तक पहली बार में असफल साबित हुई है।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
swabhiman yatra mhow

महू (इंदौर)। महू की राजनीति में लगातार बाहरी नेताओं की मौजूदगी बढ़ती जा रही है। बुधवार को स्वाभिमान यात्रा के सहारे एक और नए नेता ने महू की राजनीति में आने का प्रयास शुरू कर दिया है। हालांकि यात्रा पहले प्रयास में असफल मानी जा रही है जिसमें स्थानीय हिंदूवादी व भाजपा नेताओं ने दूरी बनाए रखी।

बुधवार को स्वाभिमान मंच द्वारा एक यात्रा का आयोजन किया गया जिसको लेकर बीते एक सप्ताह से जोर-शोर से तैयारी की जा रही थी। इस यात्रा के मुख्य आयोजक डॉ. निशांत खरे तथा सचिन बघेल थे।

इस यात्रा की सफलता के लिए शहर के अलावा आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया गया जिसको देखकर उम्मीद की जा रही थी कि इस यात्रा में हजारों लोग शामिल होंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

सुबह 11 बजे महू के ड्रीमलैंड चौराहे से शुरू हुई इस यात्रा में केसरिया वस्त्र पहने महिला तथा युवा शामिल हुए। यह यात्रा पहली बार शहर के उन क्षेत्रों से भी गुजरी जहां अमूमन शोभायात्रा, कलशयात्रा व अन्य राजनीतिक यात्रा जाती नहीं थी।

यात्रा में केसरिया साड़ी तथा पगड़ी पहने बड़ी संख्या महिलाओं ने शामिल होकर इस यात्रा की लाज रखी जबकि जो युवा वर्ग शामिल हुआ इसमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के युवा थे।

इस स्वाभिमान यात्रा के सहारे डॉ. निशांत खरे ने महू की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश की है। हालांकि यह कोशिश काफी हद तक पहली बार में असफल साबित हुई है।

अगर महिलाएं शामिल नहीं होतीं तो यात्रा पूरी तरह असफल मानी जाती। चर्चा है कि आगामी माह में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए डॉ. निशांत खरे महू से अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं और इसके लिए वे बीते लंबे समय से सक्रिय हैं।

इसके अलावा महू शहर के तमाम हिंदूवादी संगठनों के नेता व भाजपा नेताओं ने अपने आप को पूरी तरह से दूर रखा। वरिष्ठ नेताओं के नाम पर इस यात्रा में कोई भी शामिल नहीं था।

असफलता का कारण पोस्टर –

इस स्वाभिमान यात्रा को लेकर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए। पोस्टर में उषा ठाकुर के अलावा डॉ. निशांत खरे, सचिन बघेल के साथ अनेक छोटे-छोटे नेताओं व कार्यकर्ताओं के फोटो व नाम थे।

कार्यक्रम के प्रचार के लिए क्षेत्रों में लगे पोस्टर

इन पोस्टरों में वरिष्ठ नेताओं का ना तो नाम और ना ही फोटो थी। चर्चा थी कि यात्रा के पोस्टर में उषा ठाकुर का फोटो लगाने के कारण कई नेताओं ने दूरी बनाए रखी।



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