जमीन रेलवे को चाहिए इसलिए हो रही है कार्रवाई: रक्षा संपदा अधिकारी


रक्षा संपदा विभाग के अधिकारी पर रहवासियों ने मनमानी करने के आरोप लगाए।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
रक्षा संपदा अधिकारी सपन कुमार


इंदौर। महू में रेलवे विभाग को अपने विस्तारीकरण के लिए जमीन की जरुरत है इसलिए उनके सर्वे तथा जरूरत के अनुसार शासकीय जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की नोटिस दिए गए हैं। डीईओ या सीईओ विभाग द्वारा यह कार्रवाई नहीं की जा रही है।

यह बात रक्षा संपदा अधिकारी सपन कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। कुछ दिन पूर्व रेलवे विभाग द्वारा रेलवे लाइन डालने वह विकास कार्य के लिए बंडा बस्ती, खान कॉलोनी व कंचन विहार कॉलोनी क्षेत्र में जमीन के लिए सर्वे किया गया था। इसमें करीब 25 से अधिक निर्माणों को हटाने की चेतावनी दी गई थी जिस पर रहवासियों ने इसका विरोधि किया। उन्हें कांग्रेसी नेताओं का भी साथ मिला। ये सभी लोग रेलवे के जीएम से मिले और रक्षा संपदा अधिकारी सपन कुमार की शिकायत की।

उन्होंने आरोप लगाया था कि रेलवे की आड़ में रक्षा संपदा विभाग तथा छावनी परिषद यह कार्रवाई कर रहा है इस पर डीईओ सपन कुमार ने कहा कि रेलवे 2019 में किए गए सर्वे को रद्द करके हालही में नया सर्वे किया जिसमें उन्हें और अधिक जमीन की आवश्यकता जताई है जो करीब 10 एकड़ है इसके लिए 25 से अधिक निर्माण हटाने होंगे। ये सभी निर्माण शासकीय जमीन पर हैं।

रक्षा संपदा अधिकारी सपन कुमार ने कहा कि मामला रेलवे विभाग का है इसलिए यह कार्रवाई विभाग द्वारा ही की जा रही है यहां रक्षा संपदा विभाग और  छावनी परिषद तो सिर्फ अपनी जमीन दे रहा है। सपन कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बंडा बस्ती व खान कॉलोनी के रहवासियों को भ्रम है की यह कार्रवाई हम कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है

उन्होंने कहा कि जो भी नोटिस दिए गए हैं वह सभी जगह अतिक्रमण की जद में ही आते हैं तथा रक्षा संपदा विभाग की जमीन है । नोटिस भी तभी जारी किए गए हैं जब रेलवे द्वारा जमीन की डिमांड रक्षा संपदा विभाग से की गई है। इसके लिए उन्होंने रेलवे द्वारा जारी किए गए पत्र भी बताए।

इसके अलावा सपन कुमार ने बताया कि महू मालवा मार्केट के दुकानदारों द्वारा मांगे गए दुकानों के कागज अभी तक जमा नहीं कराए गए हैं। जल्द ही बोर्ड की बैठक होने वाली है अगर दुकानों के दुकानदारों द्वारा जमा नहीं कराए गए तो बोर्ड बैठक में उनके खिलाफ भी निर्णय हो सकता है ।



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