इंदौरः रंगवासा के 500 साल पुराने तालाब से प्रशासन ने ऐसे हटाया अतिक्रमण


इंदौर के रंगवासा में 500 साल पुराने तालाब पर किये गये अतिक्रमण पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए तहसीलदार की मौजूदगी में इसे हटा दिया। इस दौरान कुछ लोगों द्वारा विरोध भी किया गया, लेकिन पुलिस-प्रशासन के आगे अतिक्रमणकारियों की एक नहीं चली।


akash-dholpure आकाश धोलपुरे
इन्दौर Published On :
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इंदौर। इंदौर के रंगवासा में 500 साल पुराने तालाब पर किये गये अतिक्रमण पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए तहसीलदार की मौजूदगी में इसे हटा दिया। इस दौरान कुछ लोगों द्वारा विरोध भी किया गया, लेकिन पुलिस-प्रशासन के आगे अतिक्रमणकारियों की एक नहीं चली।

अतिक्रमण हटाने के दौरान तहसीलदार ने अतिक्रमणकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि अगर अब किसी ने तालाब पर अवैध कब्ज़े व अतिक्रमण किया तो उसे जेल की हवा खाना पड़ेगी।

प्रशासन की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है क्योंकि यहां अतिक्रमण के कारण तालाब असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ था और यहां से अवैध शराब, जुआ-सट्टा सहित अन्य अनैतिक गतिविधियां संचालित की जाती थीं जिसके कारण ग्रामवासियों का वहां से निकलना मुश्किल होता था।

देखिये प्रशासन की कार्रवाई का VIDEO – 

बता दें कि रंगवासा का सरकारी तालाब पंचायत द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण बरसात में भी खाली पड़ा रहता था। 500 साल पुराने इस तालाब में पानी आने के जो भी चैनल थे, उन पर अतिक्रमण कर लिया गया था और मौके पर अवैध खनन किया जाने लगा था।

जिला पंचायत के अंतर्गत ग्राम रंगवासा में स्थित 500 साल पुराना 17 एकड़ का प्राचीन तालब है। कहा जाता है कि तालाब, गांव की पहचान और अति प्राचीन धरोहर है जिसमें कुछ सालों पहले तक मछली पालन एवं सिंघाड़ों का उत्पादन होता था।

यह प्राचीन तालाब बारिश के मौसम में पूरा भर जाता था लेकिन लोगों ने तालाब पर अतिक्रमण कर उसे बर्बाद कर दिया। गांव में पीने के पानी की कोई समस्या नहीं होती थी लेकिन वर्तमान में तालाब का यह हाल है कि भरपूर बारिश के बावजूद तालाब में पानी नहीं आता और न तालाब पूरा भर पाता है।

इसकी वजह यह है कि ग्राम पंचायत द्वारा तालाब के समीप ही पट्टे दे दिए गए थे। इससे तालाब के आसपास अतिक्रमण हो गया था। उसके बाद से असमाजिक तत्वों द्वारा यहां दिन-रात अवैध खनन करके तालाब को खदान में बदल दिया गया।

ग्रामवासियों द्वारा पंचायत को समय-समय पर अतिक्रमण व अवैध कब्ज़ा होने से अवगत भी करवाया गया, लेकिन जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे। वहीं ग्रामवासियों द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने के लिए कलेक्टर एवं जिला पंचायत को आवेदन भी दिया था और बताया गया था कि अतिक्रमण होने से तालब में पानी आना बंद हो गया।

ग्रामवासियों की मांग थी कि राजस्व विभाग द्वारा नपती करके तालाब के अवैध खनन व अतिक्रमण की जांच की जाए और तालाब के चैनल को खोलकर चारों और से तालाब को अतिक्रमण मुक्त किया जाए।

प्रशासन की कार्रवाई के बाद ग्रामीणों में खुशी है कि 500 साल पुराना धरोहर एक बार जीवंत रूप में संवर सकेगा।



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