इंदौरः राशन माफिया दवे भाइयों के मूसाखेड़ी और मोती तबेला में अवैध निर्माण ध्वस्त


कोरोना काल में गरीबों का राशन डकारने वाले राशन माफिया श्याम दवे, भरत दवे और उसके रिश्तेदारों के मूसाखेड़ी एवं मोती तबेला स्थित अवैध निर्माणों को बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया।


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इंदौर। कोरोना काल में गरीबों का राशन डकारने वाले राशन माफिया श्याम दवे, भरत दवे और उसके रिश्तेदारों के मूसाखेड़ी एवं मोती तबेला स्थित अवैध निर्माणों को बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया।

श्याम दवे ने भरत दवे और अन्य साथियों के साथ मिलकर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में निर्धनों के राशन को बाजार में बेच दिया था, जिनकी कीमत करीब 80 लाख रुपये बताई जाती है।

इन दोनों भाइयों पर रासुका की कार्रवाई हो चुकी है तथा फिलहाल ये जेल में बंद हैं। इन्होंने राशन की हेराफेरी में खाद्य विभाग के अधिकारी को भी अपने साथ जोड़े रखा था, जिसे विभाग ने निलंबित कर दिया है और वह भी फिलहाल जेल में है।

कुछ दिन पहले नगर निगम ने दवे के मोती तबेला स्थित ऑफिस को नेस्तनाबूद कर दिया था।

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इसके बाद से ही दवे भाइयों की अन्य संपत्तियों की जांच की जा रही थी। कार्रवाई की रूपरेखा मंगलवार को ही तय हो गई थी। कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद रिमूवल अमला सक्रिय हो गया था।

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जोन क्रमांक 18 वार्ड 52 में श्याम दवे उर्फ बंटी दवे का सर्वे नंबर 258 /59 पवन नगर में मकान मिला है। 15 बाई 40 के प्लॉट में जी प्लस 3 का निर्माण किया गया था, जिसे सुबह जमींदोज कर दिया गया।

वहीं, मोती तबेला में कलेक्टोरेट के पीछे 4 मकान मिला था। प्रेमलता दवे और श्याम दवे ने मकान नंबर 13/3 में 216 वर्ग मीटर, 18/3 में 282 वर्ग मीटर, 19/3 में 174 वर्ग मीटर और 20/3 में 273 वर्ग मीटर में स्वीकृति से अधिक निर्माण कर लिया था।

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अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अभय बेडेकर के नेतृत्व में निगम की एक टीम ने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

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शुरुआती जांच में 10 करोड़ की प्रॉपर्टी की जानकारी सामने आ चुकी है। संपत्तियों की जांच में कलेक्टोरेट के आसपास ही इनकी पांच मल्टियां और एक प्लॉट सामने आ चुका है, जिसकी कीमत पांच करोड़ के करीब बताई जा रही है। यह मल्टियां श्याम दवे की हैं। यहां किराए से दुकानें संचालित हैं। इसके अलावा किराएदार भी रह रहे हैं।



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