महू के सवा सौ साल पुराने सेंट मेरी स्कूल में हंगामा, छात्राओं का आरोप प्रिंसिपल धर्म के आधार पर करतीं हैं भेदभाव


छात्राओं ने कहा शुक्रवार को प्रिसिंपल ने उन्हें बेवजह थप्पड़ मारे और अभद्रता से बात की। हिन्दू संगठनों के कई लोग यहां पहुंचे और उन्होंने प्राचार्य पर कई आरोप लगाए।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

तहसील की सबसे बड़ी स्कूल सेंट मेरी में छात्राओं ने प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रकट किया। छात्राओं ने प्राचार्य पर कई आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल हटाने की मांग की। इसकी खबर लगते ही बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता तथा पालक भी स्कूल पहुंच गए व जमकर नारेबाजी की। इसके बाद में प्राचार्य ने माफी मांगी लेकिन छात्राएं फिर भी नहीं मानी। स्थानीय प्रशासन में मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

सेंट मेरी हायर सेकेंडरी स्कूल में शुक्रवार की सुबह छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने उन्हें मारा तथा अपशब्दों का भी उपयोग किया। इसके अलावा उनके परिजनों के बारे में भी अपशब्द कहे। मामले की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में पालक स्कूल परिसर पहुंच गए तथा उन्होंने भी प्राचार्य प्रेरणा की मनमानी का विरोध किया। थोड़ी देर बाद ही हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी स्कूल में पहुंच गए तथा प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी शुरु हो गई।

छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने उनके साथ बेवजह की मारपीट की तथा हमारे परिजनों के बारे में भी अपशब्द कहे। छात्राओं ने कहा कि यहां पर धर्म के आधार पर भेदभाव किया जाता है तथा विरोध करने पर स्कूल से निकाल देने की धमकी तक दी जाती है। प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने मांग की है कि प्राचार्य को तत्काल हटाया जाए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था। करीब 2 घंटे हंगामा चलने के बाद प्राचार्य प्रेरणा बाहर आई वह प्रदर्शन कर रही छात्रोंओ से अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी लेकिन पालक व छात्राएं इस पर राजी नहीं हुई उन्होंने तत्काल प्राचार्य प्रेरणा से इस्तीफा देने की मांग की।

छात्राओं ने मीडिया के सामने प्रिंसिपल पर कई तरह के आरोप लगाए। इस दौरान कुछ लोगों ने यह तक कहा कि इन छात्राओं से स्कूल के बर्तन तक धुलवाए जाते हैं। बहुत से पत्रकार इस बात पर ज़ोर देते नजर आए लेकिन छात्राओं ने इन सवालों पर बहुत तवज्जो नहीं दी।

इसके बाद में नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ में मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि शुक्रवार को जो घटना स्कूल में हुई है उसकी पूरी जांच की जाएगी इसके लिए एक समिति का गठन किया है जिसमें तीन छात्राएं पालक हिंदू संगठन के कार्यकर्ता व स्कूल के शिक्षक शामिल है। जांच के बाद कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा जाएगा।

स्कूल की उप्राचार्य मैंनीसा ने कहा कि जो आरोप लगे हैं पूरी तरह गलत है। यहां पर धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता। कभी किसी छात्रा को टीका, बिंदी लगाने पर मनाही नहीं है सिर्फ कीमती सामान पहनने या लाने के लिए मना किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सेंट मेरी स्कूल इस इलाके का सबसे पुराना स्कूल माना जाता है। इसकी स्थापना साल 1893 में की गई थी।



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