नरसिंहपुर: महाराष्‍ट्र से आये थे गन्‍ना काटने, हादसे में जवान बेटों को गँवा बैठे प्रवासी मजदूर


आवागमन के नियमों में ढील के बाद प्रवासी मजदूर अपने जिलों में वापस गये, लेकिन दिवाली के बाद फिर से लौट आये। किशोर और शिवराम राठौर के परिवार इन्‍हीं मजदूरों में हैं, जिन्‍होंने काम के चक्‍कर में अपने बेटों को गँवा दिया है।


ब्रजेश शर्मा
जबलपुर Updated On :

प्रवासी मजदूरों के दुखों का अंत नहीं है। मार्च के तीसरे हफ्ते में अचानक लॉकडाउन लगने के बाद अपने गृह प्रदेश लौटने की भागमभाग में जहां कई मजदूरों ने अपनी जान सड़क हादसों में गँवाई, वहीं लॉकडाउन खुलने और काम शुरू होने के बाद भी सिलसिला जारी है। ताज़ा मामला नरसिंहपुर का है।

सोमवार को गाडरवारा के पास गूजर झिरिया और चिरहकला के बीच सड़क हादसे में दो जवान लड़कों की मौत हो गयी। मृतक महाराष्ट्र से यहां काम करने आये मजदूरों के बेटे हैं। घटना सोमवार की शाम लगभग 7-8 बजे की है।

ग्राम गूजर झिरिया और चिरहकला के बीच पेट्रोल पंप के नज़दीक बाइक और ट्रैक्टर की भिड़ंत हो गयी। भिड़ंत इतनी जबर्दस्त थी कि बाइक के ट्रैक्टर से टकराते ही बाइक में आग लग गयी। मौके पर विशाल (पिता शिवराम राठौर, उम्र 18 साल) और पवन (पिता किशोर राठौर, उम्र 16 साल) की मौत हो गयी।

हादसे में मारा गया युवक

दोनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी बताये जा रहे हैं। इनके पिता यहां आजकल गन्ना काटने आये हुए हैं।

इस समय गन्‍ना कटाई और गुड़ का सीजन चल रहा है। पिछले दिनों गुड़ को कुटीर उद्योग का दर्जा देने की बात कहते हुए जिलाधिकारी ने बताया था कि गुड़ की भट्ठी लगाने के नियमों को आसान किया जा रहा है जिसका असर ये हो रहा है कि दूसरे प्रदेशों से यहां गन्‍ना काटने वाले मजदूरों की आवक में वृद्धि हुई है। इनमें सबसे ज्‍यादा मराठवाड़ा के किसान हैं जो बरसों से सूखा प्रभावित है। इनमें औरंगाबाद, बीड, जालना, लातूर, परभनी आदि जिले आते हैं।

आम तौर से मराठवाड़ा के खेतिहर दिवाली के बाद पलायन करते हैं और अप्रैल तक लौट आते हैं। एक आंकड़े के हिसाब से लॉकडाउन से पहले करीब 13 लाख मजदूर ऐसे थे जो मराठवाड़ा से काम करने दूसरी जगहों पर गये और फंसे रह गये।

आवागमन के नियमों में ढील के बाद प्रवासी मजदूर अपने जिलों में वापस गये, लेकिन दिवाली के बाद फिर से लौट आये। किशोर और शिवराम राठौर के परिवार इन्‍हीं मजदूरों में हैं, जिन्‍होंने काम के चक्‍कर में अपने बेटों को गँवा दिया है।



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