RDU में संगोष्ठीः सोशल मीडिया के उदय से खेल पत्रकारिता को मिली नई चुनौती


संगोष्ठी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के संचार अध्ययन एवं शोध विभाग( पत्रकारिता) व महाकौशल क्रीड़ा परिषद के संयुक्त तत्वधान में आयोजित की गई जिसमें जबलपुर के विभिन्न खेल विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
जबलपुर Updated On :
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जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में विश्व खेल पत्रकारिता दिवस पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति प्रोफेसर राकेश बाजपेई ने कहा कि विश्व खेल पत्रकारिता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में खेलों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह दिन विभिन्न खेल पत्रकारों की उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने और पहचानने पर केंद्रित है। आज हर क्षेत्र में विशेषता का महत्व है। सोशल माध्यमों का इस्तेमाल कर पत्रकार अपने पसंदीदा क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।

यह संगोष्ठी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के संचार अध्ययन एवं शोध विभाग( पत्रकारिता) व महाकौशल क्रीड़ा परिषद के संयुक्त तत्वधान में आयोजित की गई जिसमें जबलपुर के विभिन्न खेल विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।

संगोष्ठी में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर धीरेंद्र पाठक ने कहा कि सोशल मीडिया विकसित हो चुका है और कई प्लेटफॉर्म में फैल रहा है। इसमें हर किसी के फोन पर रिपोर्टिंग, लाइव स्ट्रीमिंग और पसंदीदा खेलों से पहले और बाद की चर्चाओं में शामिल होना आरामदायक बना दिया है। खेल पत्रकारिता आज वैश्विक स्तर पर काफी महत्वपूर्ण विधा है।

विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ. दीपेश मिश्र ने विश्व खेल पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल पत्रकारिता में युवाओं के लिए असीम संभावनाएं हैं।

खेल को समग्र दृष्टि से देखने की आवश्यकता – पंकज स्वामी

मुख्य अतिथि और मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी पंकज स्वामी ने कहा कि खेल पत्रकारिता में खेल को समग्र दृष्टि से देखने की आवश्यकता है। खेल पत्रकार का मुख्य काम खिलाड़ियों और टीम पर आर्टिकल, रिपोर्ट तैयार करना होता है।

विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत ओझा ने कहा कि आज ब्लॉग और वीडियो चैनलों सहित सोशल मीडिया चैनल पत्रकारों के लिए खेल रिपोर्टिंग की प्रकृति को भी बदल रहे हैं। खेल पत्रकारों के लिए यह समय चुनौती वाला है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के उदय से खेल पत्रकारों को अब और चुनौती का सामना करना पड़ेगा और उनकी जवाबदेही भी बढ़ गई है।

महाकौशल क्रीड़ा परिषद के संयोजक डॉ. प्रशांत मिश्र ने कहा कि परिषद की ओर से नई पहल करते हुए महापुरुषों की जयंती पर खेल आयोजन करने की परंपरा प्रारंभ की गई है जो निरंतर जारी है।

उन्होंने कहा कि महाकौशल क्षेत्र के खेल और खिलाड़ियों के उत्थान के लिए महाकौशल क्रीड़ा परिषद सदैव कार्य करता रहेगा। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के अतिथि विद्वान डॉ. संजीव श्रीवास्तव, डॉ. मोहम्मद जावेद, डॉक्टर शैलेश प्रसाद, डॉक्टर प्रमोद पांडेय, डॉक्टर मोहिनिका गजभिये एवं विद्यार्थी व अन्य उपस्थित रहे।



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