सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने किया जल सत्याग्रह, नियमितीकरण की मांग को लेकर जारी है प्रदर्शन


एक ओर धरना जारी था तो दूसरी ओर विरोध करने वाले कर्मियों ने बरमान में नर्मदा में जल सत्याग्रह कर नियमितीकरण की अपनी मांग को और तेज़ करने का प्रयास किया।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
घर की बात Updated On :

नरसिंहपुर। नियमितीकरण की मांग को लेकर सहकारी समिति के कर्मचारी लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सातवें दिन मंगलवार को उन्होंने नए अंदाज में जल सत्याग्रह कर सरकार से अपना विरोध जताया। समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल से जिले की राशन दुकानें बंद हैं इसके साथ ही किसानों का पंजीयन कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

मप्र सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के द्वारा नियमितीकरण की मांग को लेकर चार फरवरी से धरना प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को यह प्रदर्शन अनूठे अंदाज में जारी किया गया। एक ओर धरना जारी था तो दूसरी ओर विरोध करने वाले कर्मियों ने बरमान में नर्मदा में जल सत्याग्रह कर नियमितीकरण की अपनी मांग को और तेज़ करने का प्रयास किया।

उन्होंने चेतावनी दी कि अब वे अपना आंदोलन और भी तेज़ करेंगे। इसके बाद अगला खास प्रदर्शन ग्यारह फरवरी को है जब वे साईकिल रैली निकालकर अपना विरोध जताएंगे।

नर्मदा तट पर साफ-सफाईः सहकारी समितियों से जुड़े सदस्यों ने सत्याग्रह के साथ-साथ नर्मदा तट पर साफ-सफाई भी की। उन्होंने तट पर बिखरा कचरा हटाया। प्रदेश प्रवक्ता शफी खान के अनुसार 12 बजे से 4 बजे तक उनका सत्याग्रह और साफ सफाई का काम जारी रहा।

कलेक्टर ने बुलाया प्रतिनिधि मंडलः कलेक्टर  वेदप्रकाश ने लगातार हड़ताल की वजह से प्रभावित हो रही काम को देखते हुए विरोध कर रहे कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल बुलाया। प्रतिनिधि मंडल में सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता शफी खान, जिला अध्यक्ष राजकुमार कौरव और अन्य जन थे। चर्चा में बताया गया कि उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है।

हम सोई हुई सरकार को जगा रहे हैं इसलिए नर्मदा मैया की आरती की गई। उनसे प्रार्थना की गई कि मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री को सदबुद्धि दी जाए ताकि हम कर्मचारियों का नियमितीकरण हो जाए।

शफी खान, प्रदेश प्रवक्ता, सहकारी कर्मचारी महासंघ

हम पिछले दस सालों वर्षों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं पर शासन ध्यान नहीं दे रहा है और इसी वजह से नरसिंहपुर जिले से यह आंदोलन अलग-अलग जिलों में पहुंचने लगा है। हमारी लड़ाई नियमितीकरण तक जारी रहेगी।

राजकुमार कौरव, जिला अध्यक्ष, सहकारी कर्मचारी महासंघ

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