स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर पहली बार होगा नौसेना कमांडरों की बैठक, रक्षा मंत्री करेंगे देश की सुरक्षा मुद्दा पर चर्चा


सैन्य रणनीतिक स्तर के महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ वरिष्ठ नौसैन्य अधिकारी आईएनएस विक्रांत के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे।


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नई दिल्ली। 2023 का नौसेना कमांडरों का सम्मेलन भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सोमवार से शुरू होगा। यह पहला मौका है जब कमांडरों के सम्मेलन का पहला चरण समुद्र में आयोजित किया जायेगा।

इसमें सैन्य रणनीतिक स्तर के महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ वरिष्ठ नौसैन्य अधिकारी आईएनएस विक्रांत के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे। उद्घाटन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे।

इस वर्ष के सम्मेलन की खासियत है कि पहली बार कमांडर सम्मेलन भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है। इस क्षेत्र में मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के कारण नौसेना कमांडरों के इस सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता है।

रक्षा मंत्री समेत तीनों सेना प्रमुख रहेंगे मौजूद –

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी नौसेना के कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि तीनों सेनाओं के बीच राष्ट्र की रक्षा और भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति तालमेल को बढ़ाया जा सके।

सम्मेलन के पहले दिन की गतिविधियों में समुद्र में ऑपरेशनल प्रदर्शन भी किये जाने की योजना है। नौसेना कमांडर भारतीय समुद्री हितों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नौसेना की तैयारी पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

अग्निवीरों के पहला बैच पर होगी चर्चा –

नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना के प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।

सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडरों को भारतीय नौसेना में निष्पादित ‘अग्निपथ योजना’ के बारे में अपडेट किया जाएगा।

अग्निवीरों का पहला बैच 23 मार्च के अंत में आईएनएस चिल्का से पास आउट होने वाला है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अग्निवीरों का पहला बैच भी शामिल है।

गौरतलब हो कि इस क्षेत्र में मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के कारण सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता है। भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों में नौसेना के संचालन कार्यों में महत्वपूर्ण तेजी आई है। कमांडर देश के समुद्री हितों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नौसेना की तैयारी पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

भारतीय नौसेना का ध्यान युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए अनुकूल एक बल के रूप में स्थापित होने पर केंद्रित है। यह देश की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले के तौर पर अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए निरंतर कठिन परिश्रम करती है।



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