सबसे ज्यादा फॉरेस्ट कवर वाले मप्र में वनों का खात्मा भी सबसे ज्यादा, केंद्र ने बताया 5 साल में 19 हजार हैक्टेयर से ज्यादा जंगल साफ


राज्सभा सांसद विवेक तन्खा के सवाल पर मिला है जवाब


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बड़ी बात Published On :
वनों की कटाई (प्रतीकात्मक चित्र)


मध्यप्रदेश में जंगलों की कटाई कोई नई बात नहीं। बुरहानपुर क्षेत्र के जंगल बीते कुछ सालों में लगभग पूरी तरह साफ कर दिए गए हैं हालांकि विकास कार्यों के लिए भी जंगलों को साफ किया जा रहा है। अब यह जानकारी आधिकारिक रुप से सामने आ गई है। बीते पांच वर्षों में प्रदेश में करीब 19 हजार हैक्टेयर से अधिक जंगल खत्म हो गए हैं। यह प्रदेश में सबसे अधिक है यानी जंगलों को साफ कर दिया गया है। यह उस राज्य में हो रहा है जहां देश में सबसे अधिक फॉरेस्ट कवर है।

मप्र में तेजी से जंगल खत्म हो रहे हैं। राज्यसभा में सांसद विवेक तन्खा के सवाल पर जो जवाब मिला है वह निराश करने वाला है। इसके तहत बताया गया कि मप्र में बीते पांच वर्षों 2018 से 23 तक 19720 हैक्टेयर जंगल खत्म हो चुके हैं। इस जवाब में अन्य राज्यों का भी आंकड़ा शामिल है। जो बताता है कि मप्र में सबसे बड़ा फारेस्ट एरिया खत्म हुआ है।

इसके बाद ओड़िसा में 13303 हैक्टेयर, गुजरात में 8064 हैक्टेयर, उप्र में 4090 हैक्टेयर, झारखंड में 4416हैक्टेयर जंगल खत्म हुए हैं। असके अलावा भी कई राज्यों में जंगलों को खासा नुकसान हुआ है। कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में 2802 हैक्टेयर और राजस्थान में 2972 हैक्टेयर जंगल खत्म हुए हैं।

वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री अश्विनी शुक्ला ने कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के सवाल पर यह जवाब दिया है। बीते पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा कुल 90 हजार हैक्टेयर वन भूमि को गैर वन्य क्षेत्र के रुप में उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है।

इंडियन स्टेट ऑफ फारेस्ट की साल 2021 रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में देश में सबसे अधिक फारेस्ट कवर है। जो करीब 95000 वर्ग किमी का इलाका जंगल से घिरा है लेकिन इसे बचाने के लिए सरकार की ओर से कोई खास कदम नहीं उठाए गए हैं। हालांकि बीते साल बताय गया था कि प्रदेश सरकार अगले दस सालों में 37 लाख हैक्टेयर जंगल को रिस्टोर करना चाहती है और इस विचार को केंद्र से भी हरी झंडी मिल गई है। इस कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र में भी वन बहाली की एक प्रविष्टि के रुप में भेजा गया था।

इस सवाल का जवाब मांगने वाले सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस जवाब से बिल्कुल भी अचरज नहीं हुआ। यह भाजपा के 18 वर्षों के कुशासन को दर्शाता है।



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