तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से किया गया निलंबित, विपक्ष ने कहा आधारहीन तथ्यों पर की गई कार्रवाई


महुआ के बचाव में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह आधारहीन तथ्यों के आधार पर और बदले की भावना से किया गया काम है।


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बड़ी बात Published On :

टीएमसी की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से सवाल के बदले में कैश के मसले पर संसद सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। वह पश्चिम बंगाल के करीमपुर से सांसद थी। उन पर यह कार्रवाई एथिक्स कमेटी की शिफारिस पर की गई है।

महुआ पर आरोप है कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी हीरानंदानी से पैसे लिए, जिसके बदले में उन्हें दो करोड़ रुपये और कई लग्जरी गिफ्त रिश्वत के तौर पर मिले इसके साथ ही उन्होंने सांसद को दी जाने वाली लॉगइन आईडी और पासवर्ड किसी भी हीरानंदानी को दिया था, जो सरकार और कारोबारी गौतम अड़ानी की छवि को धूमिल करने वाले सवाल पूछते थे। महुआ का ऐसा करना संसद के नियमों के विरुद्ध है। उन पर कार्रवाई करने वाली समिति ने माना कि कमेटी महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था, इसलिए उन्हें सांसद बनाए रखना किसी भी तरह से उचित नहीं है।

मोइत्रा के मसले पर पूरे विपक्ष ने उनका साथ देते हुए संसद का बहिष्कार किया, लोकसभा अध्यक्ष द्वारा महुआ को संसद से निलंबित करने के बाद से ही लोकसभा के सत्र को 11 तारीख तक के लिए निलंबित कर दिया।

निलंबित होने के बाद महुआ ने उन पर की गई कार्रवाई पर रोष जताते हुए कहा कि एक समुदाय को गाली देने वाला सासंद सदन में बैठा हुआ है, लेकिन अडानी पर सवाल पूछने वालों को निलंबित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि मुझे निलंबित करने का तुम्हें कोई अधिकार नहीं है, यह भाजपा के अंत की शुरुआत है।

महुआ ने कहा, यदि मोदी सरकार सोचती है कि यह कार्रवाई मुझे अडानी मुद्दे से दूर रखकर मेरा मुंह बंद कर देगी तो मैं आपको बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट (एथिक्स कमेटी) ने महज पूरे भारत को प्रक्रिया के इस दुरुपयोग से यह दिखाया है कि आपके लिए अडानी कितना खास है. एक महिला सांसद को आप अपनी दलील रखने से रोकने के लिए किस हद तक उसका उत्पीड़न करेंगे?

महुआ के बचाव में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह आधारहीन तथ्यों के आधार पर और बदले की भावना से किया गया काम है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे ग्रुप) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, आरोप लगाने वाले दुबई में बैठे हैं। उनके बयान के आधार पर आपने निर्णय ले लिया।

उम्मीद है कि आने वाले समय में जब महुआ टीएमसी से चुनाव लड़ेंगी तो फिर भारी बहुमत से जीतकर संसद में लौटेंगी। एथिक्स कमेटी के मेंबर और BSP सांसद दानिश अली ने भी महुआ पर कार्रवाई का विरोध किया है। दानिश ने अपने गले में इस कार्रवाई के खिलाफ एक पोस्टर लटकाकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, मैं महुआ मोइत्रा को न्याय दिलाना चाहता हूं, इस कारण एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में मेरे खिलाफ भी जिक्र किया है। यह पोस्टर मैंने इसी विरोध में लगाया है।

हालांकि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद महुआ को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिय, इसके साथ ही हीरानंदानी को भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया, जिससे एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया जा रहा है।



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