जम्मू-कश्मीर में जल्द दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन, कनेक्टिविटी से व्यापार सुविधाओं में होगा इजाफा


जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अगले साल वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी, क्योंकि जम्मू-श्रीनगर रेल लिंक इसी साल खोला जाएगा।


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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भी जल्द सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन वंदे भारत ट्रैक पर दौड़ती दिखाई देगी। जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अगले साल वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी, क्योंकि जम्मू-श्रीनगर रेल लिंक इसी साल खोला जाएगा।

अब तक देश में 10 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन अलग-अलग रूट पर किया जा चुका है। देश में योजना के अनुसार 2024 तक 400 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। वंदे भारत ट्रेनों की पहचान गति, सुरक्षा और बेहतरीन सेवा है।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने पूरे भारत में रेल नेटवर्क को बदल दिया है और कश्मीर में भी रेलवे को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा और अन्य दो स्थलों को जल्द ही भारतीय रेल से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रेलवे में सुधार किया जाएगा और यह सुधार साल के अंत तक देखा जाएगा।

कनेक्टिविटी से व्यापार सुविधाओं में होगा इजाफा –

केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि टेलीफोन कनेक्टिविटी, डबल लाइन, पार्सल सेवाएं, सीमेंट और दवा व्यापार साल के अंत तक भारतीय रेलवे के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सेब व्यापार के लिए सुविधाओं पर भी विचार किया जाएगा। अपने जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के दौरान रविवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रविवार को रियासी जिले में चिनाब नदी पर बन रहे विश्व के सबसे उंचे आर्च पुल का भी निरीक्षण करेंगे।

यह पुल उधमपुर-बनिहाल-बारामुला रेल लिंक का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री बड़गाम स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद श्रीनगर में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।

अगस्त तक 75 और वंदे भारत ट्रेन का लक्ष्य –

गौरतलब हो कि देश में 400 सेमी-हाई स्पीड अगली पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने की योजना रखी गई है। ये नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्री सवारी अनुभव प्रदान करेंगी।

पीएम मोदी ने गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर देश के सामने कई लक्ष्य रखे थे।

इसी श्रृंखला में उन्होंने भारतीय रेलवे के लिए अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में अर्थात 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेन देश के हर कोने को आपस में जोड़ने के लिए शुरू करने का लक्ष्य दिया।

2019 से सरपट दौड़ रही ‘वंदे भारत’ –

‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार देश की पहली सेमी हाई स्पीड ‘वंदे भारत ट्रेन’ दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई थी जिसका उद्घाटन 15 फरवरी 2019 को पीएम मोदी ने किया था।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा।

वंदे भारत की खासियत –

वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित है, जो कि एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। वंदे भारत ट्रेन एक सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन वाली ट्रेन है, यानि इसमें अलग इंजन नहीं है। इसमें स्वचालित दरवाजे और वातानुकूलित चेयर कार कोच और एक घूमने वाली कुर्सी है जो 180 डिग्री तक घूम सकती है।

इन ट्रेनों के प्रत्येक कोच में धूल रहित वातावरण के लिए गैंगवे, मॉड्यूलर बायो-वैक्यूम शौचालय, एग्जीक्यूटिव क्लास में रोटेटिंग सीट, पर्सनलाइज्ड रीडिंग लाइट, स्लाइडिंग फूटस्टेप्स के साथ ऑटोमेटिक एंट्री-एग्जिट डोर, डिफ्यूज एलईडी लाइटिंग, मिनी पेंट्री, सेंसर-आधारित इंटरकनेक्टिंग दरवाजे हैं।

इसके अलावा रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी नई ट्रेनों में ‘कवच’ तकनीक लग रहा है, ताकि अगर कभी एक ही ट्रैक पर दूसरे ट्रेन आ जाए, तो ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लगाया जा सके।



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