धारः लगातार बिजली नहीं मिलने से किसान परेशान, समय से पहले बोरिंग हुए बंद


धार जिले के गांव अनारद, बिलौदा, सकतली, तीसगांव, मलगांव, पचलाना आदि गांवों के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। इसके लिए किसानों ने बिजली विभाग में बात भी की थी, लेकिन अभी तक समस्या का कोई निराकरण नहीं हो पाया है।


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इंदौर। बिजली आपूर्ति एक ओर किसानों के लिए फायदेमंद है तो वही बिजली दूसरी ओर किसानों के लिए नुकसानदायक भी है। लगातार बिजली नहीं मिलने की वजह से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जहां पहले दो शेड्यूल में खेती के लिए बिजली दी जा रही थी, वहीं अब एक माह से किसानों को लगातार दस घंटे बिजली मिलने की वजह से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस कारण से धार जिले के गांव अनारद, बिलौदा, सकतली, तीसगांव, मलगांव, पचलाना आदि गांवों के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। इसके लिए किसानों ने बिजली विभाग में बात भी की थी, लेकिन अभी तक समस्या का कोई निराकरण नहीं हो पाया है।

वहीं पहले रबी सीजन के पीक ऑवर में पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब 10 घंटे के सापेक्ष लगातार चल रही बिजली से किसानों को खेती में बोरिंग बंद होने की चिंता सताने लगी है।

परेशान किसानों ने आला अधिकारियों को अवगत कराया है, इसके बावजूद बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा सका है। इससे किसानों में आक्रोश हैं। बता दें कि जिले में अलग-अलग तरह से बिजली उपकेंद्र से दर्जनों गांवों को बिजली आपूर्ति की जाती है।

किसानों की मानें तो गेहूं, लहसुन व अन्य की फसल आधी अवधि की हो चुकी है और पक गई है। वहीं लगातार दस घंटे भी बिजली से किसानों व पानी वालों की नींद पूरी नहीं हो रही है।

पहले दो शिफ्टों में बिजली मिल रही थी। अब कब बिजली आ रही है, कब गुल हो जाती है। कुछ पता नहीं चल पा रहा है। वहीं लगातार चलने से बोरिंग का काम कम हो गया है और वाटर लेवल कम होने की वजह से तो कुछ बोरिंग बंद ही हो गए हैं।

किसानों काम हो रहा प्रभावित – 

खेती के लिए लगातार बिजली से लोगों के कामकाज में बाधाएं आ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह से ही खेतों में जाना पड़ता है जिसके कारण हम दूसरा कार्य नहीं कर पा रहे हैं। लगातार बिजली से रात्रि के दौरान काफी परेशानी उठाना पड़ती है। रात को भी उठकर खेतो में जाना पड़ता है।

ग्रामीण अंचल में बिजली कंपनी की मनमानी के चलते ग्रामीणों के साथ-साथ किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहीं लकड़ियों की बल्लियों के सहारे करंट दौड़ रहा है, तो लगातार बिजली से ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं। दूसरी ओर किसानों को 10 घंटे में से मात्र आठ से नौ घंटे ही बिजली मिल रही है।

क्या कर सकते हैं – 

किसान कर भी क्या सकता है। जैसे-तैसे काम चल जाता है। रात के दौरान काफी परेशानी उठाना पड़ती है। रात को उठना पड़ता है व बिजली बार-बार गुल होने से सिंचाई में तो दिक्कत होती है। समय पर बिजली नहीं आती है। लगातार बिजली चलने से मोटर पंप भी खराब हो रहे हैं। ट्रांसफॉर्मर भी खराब हो रहे हैं। – आत्माराम चौधरी, किसान, ग्राम सकतली

शेड्यूल बदले बिजली विभाग – 

जहां एक और किसानों को फायदा है वहीं दूसरी ओर नुकसान भी है। लगातार 10 घंटे बिजली चलने से बोरिंग का वाटर लेवल कम हुआ है तो कहीं बोरिंग समय से पहले ही बंद हो गए हैं। – ओमशंकर यादव, किसान, ग्राम बिलौदा



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