दिल्ली यूनिवर्सिटी में जेएनयू की तरह बवाल, एबीवीपी छात्रों के हमले में कई विधार्थी घायल


थाने के सामने हुई घटना लेकिन पुलिस ने नहीं लिया कोई एक्शन


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उनकी बात Published On :

दिल्ली। गुरुवार, 1 दिसंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के पास पटेलचेस्ट, मौरिस नगर के पास डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की रिहाई के लिए अभियान चला रहे छात्र और छात्राओं पर विद्यार्थी परिषद यानि एबीवीपी के 30-40 गुंडों ने हमला किया है। जिसमें कई युवा और युवतियों को गंभीर चोटें आयी हैं।

इतना ही नहीं, जब घायल क छात्र-छात्राओं को अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया छात्र परिषद के गुंडे वहां भी पहुंच गये और वहां दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में उन्होंने अस्पताल में घायल छात्रों को घेर कर उन्हें धमकी और गालियां दी।

इस हमले की शिकायत पुलिस में दर्ज करा दी गई है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि, यह पूरी घटना मौरिस नगर पुलिस थाने के ठीक सामने घटित हुई और पुलिस ने न कोई हस्तक्षेप किया और न ही किसी को बचाने की कोशिश की।

भगत सिंह छात्र एकता मंच की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि CASR (Campaign against state repression) की तरफ से जीएन साईबाबा और अन्य 5 लोगों की रिहाई को लेकर होने वाले प्रोग्राम के लिए पिछले कई दिनों से कैंपेन चल रहा है। आपको बता दें कि CASR एक फ्रंट हैं जिसमें कई सारे संगठन शामिल हैं।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि आज दिल्ली विश्वविद्यालय के पास पटेल चेस्ट पर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता कैंपेन कर रहे थे। मॉरिस नगर पुलिस थाने के पास कुछ कार्यकर्ता चाय की दुकान पर बैठ कर गीत गा रहे थे तभी ABVP के गुंडे वहां इकट्ठा होना शुरू हो गए। उनकी संख्या 50 से ज्यादा थी।

भगत सिंह छात्र एकता मंच के नेताओं का कहना है कि उनके हाथों में मोटे डंडे थे, जिनमें 8-10 महिलाएं भी शामिल थीं। उनका कहना है कि वो ABVP से जुड़े हैं लेकिन उन्होंने मुंह पर आम आदमी पार्टी के झंडे लगा रखे थे। उन्होंने पहले कैंपेन में शामिल लोगों पर अंडे, टमाटर और यहां तक कि गोबर फेंके और फिर उसके बाद लाठियों से हमला कर दिया।

छात्र एकता मंच के नेताओं का कहना है कि उन गुंडों ने ईंट मारकर एक महिला कार्यकर्ता बादल का सिर फोड़ दिया, एक दूसरे कार्यकर्ता एहतेमाम , जिनका LAA (Lawyers Against Atrocities) से संबंध है, के कान में डंडा मारा जिससे उनका कान कट गया। इसके अलावा अरहान के गाल पर डंडा मारा है, शिव कुमार के पेट में चोट लगी है और एक अन्य कार्यकर्ता देव के हाथ में चोट लगी है। बाकी अन्य कई लोगों को भी अंदरूनी चोटें आई हैं।

गौरतलब है कि, जीएन साईंबाबा 90 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं, उन्हें गैरकानूनी गतिविधिओं और माओवादियों से कथित संबंध रखने के आरोप में 2014 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वे जेल में कैद हैं। बीते 14 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने साईबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया था। लेकिन एनआइए की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बदलते गये अगले दिन 15 अक्टूबर को उनकी रिहाई पर रोक लगा दी थी।

यह ख़बर वर्कर्स यूनिटी वेबसाइट से ली गई है। यहां मूल ख़बर पढ़ी जा सकती है।

 



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