धार लोकसभा में महू और धार विधानसभा में भाजपा तो बाकी पर कांग्रेस मजबूत, उमंग सिंघार प्रचार से गायब


नेता प्रतिपक्ष से कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज़ दिखाई देते हैं उनका कहना है कि इस नए पद पर पहुंचने के बाद सिंघार सभी सीटों पर जाकर प्रचार कर रहे हैं लेकिन धार की चुनावी तस्वीर से वे गायब हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
लोकसभा चुनाव 2024 Updated On :

देश में सबसे बड़े आम चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है, मध्यप्रदेश में 13 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है ऐसे में राजनैतिक दल अपनी अपनी चुनावी बिछाते बिछाने में लगे है, मध्यप्रदेश में वर्तमान में जो हालात बने हैं वो प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में अब तक के सबसे खराब दिन हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये हालात नौसिखिए और हवाबाज नेताओ को प्रदेश की कमान सौंपने से पैदा हुए हैं जो इतनी बड़ी तादाद में प्रदेश स्तरीय नेता पार्टी को छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं, विगत दिनों कांग्रेस से भाजपा ज्वाइन करने वाले इंदौर के कुछ नेता प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के रवैए के बयान दे चुके हैं।

धार जिले से भी कांग्रेस ने गंधवानी सीट से विधायक उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी, सिंघार इस जिम्मेदारी के बाद मानों धार जिले को लगभग भूल से गए हैं, ज्ञात हो की सिंघार दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है, तीसरी बार फिर सिंघार का नाम धार से दावेदारी को सूची में सबसे उपर था लेकिन संगठन का कार्य हो या तीसरी हार का डर जिसके कारण सिंघार ने अपने नाम की बजाय अपने खास समर्थक राधेश्याम मुवेल का नाम आगे कर दिया।

धार लोकसभा सीट पर दोनों ही प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने प्रत्याशियों का भी ऐलान कर दिया है, भाजपा की ओर से पूर्व में सांसद का चुनाव लड़ कर जीत चुकी सावित्री ठाकुर तो कांग्रेस से युवा नेता राधेश्याम मुवेल प्रत्याशी बने हैं।

प्रभार मिलने के बाद अब तक नही आये धार: धार जिले के कांग्रेसी नेता वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अदा करने वाले उमंग सिंधार को वैसे तो सम्पूर्ण मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी है लेकिन इसके बाद वे अपने जिले धार में नहीं आए हैं।  लोकसभा चुनाव में भाजपा को 29 में से 28 सीटें मिलने के बाद भाजपा इस बार कांग्रेस को क्लीन स्वीप देने के मूड में है वहीं कांग्रेस के टारगेट में को पूरे प्रदेश से गिनती की सीटें मिलने का अनुमान हैं। ऐसे में कुछ चुनिंदा सीटों को फोकस करने से कांग्रेस अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है लेकिन यहां जिम्मेदार नेता अपने जिला को छोड़कर प्रदेश को अन्य सीटों पर काम कर रहे हैं।

विधायकों की भी बैठक से दूरी: लोकसभा चुनाव के संबंध में धार जिला कांग्रेस द्वारा यह पहला मौका था जब जिला कांग्रेस कार्यालय पर कार्यकर्ताओं का सम्मेलन एवं बैठक आहूत की गई हो। इस बैठक में जिले के कई जिम्मेदार नेता अनुपस्थित रहे, नेताओं के साथ-साथ वर्तमान विधायक भी इस बैठक से दूरी बनाई जिसमें राधेश्याम मुवेल के गृह क्षेत्र से विधायक हीरालाल अलावा, बदनावर विधायक भंवर सिंह शेखावत और जिले के अहम नेता  बालमुकुंद सिंह गौतम भी उपस्थित नहीं हुए। जिसे लेकर भी कार्यकर्ताओं में संशय की स्थिति बनी रही हालांकि बैठक में कुक्षी विधायक हनी बघेल, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल उपस्थित रहे।

2023 विस चुनाव में 69799 वोटों की बढ़त: धार जिले में सात विधानसभा सीट लगती है जिसमें पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को साथ में से 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, सीटों पर पड़े वोट के गणित को अगर समझा जाए तो कांग्रेस को पूरे जिले में लगभग 70000 वोट से जीत मिली, जिसमे गंधवानी से 22119, कुक्षी से 49888, बदनावर से 2976, मनावर से 708, सरदारपुर से 4128 वोट से जीत मिली, हालांकि धार लोकसभा चुनाव में धार जिले की 7 विस सीटों के अलावा इंदौर जिले की महू विधानसभा सीट भी शामिल है विधानसभा चुनाव में महू सीट से कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था यहां कांग्रेस की ओर से भाजपा से आए रामकिशोर शुक्ला को टिकट दिया था जो चुनाव हारने के बाद हालही में पिछले दिनों भाजपा का दाम थाम लिया। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता अंतर सिंह दरबार का बागी के रूप में चुनाव लड़े थे लेकिन अब वह भी बीजेपी के कार्यकता के रूप लोकसभा में काम करेंगे।

महू से कांग्रेस को काफी परेशानी हो सकती है। यहां पर कांग्रेस को 65000 वोट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन धार जिले की अगर बात की जाए तो कांग्रेस बीजेपी से कई कदम आगे है यहां विधानसभा चुनाव के अनुसार कांग्रेस अच्छी बढ़त की स्थिति में है ये कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है।

2004 ओर 2014 में सिंघार चुनाव हारे : वर्तमान समय में प्रदेश में धार का नाम प्रदेश स्तर पर गौरवान्वित करने वाले वर्तमान कांग्रेस के नेता विधानसभा नेता प्रतिपक्ष एवं गंधवानी से विधायक उमंग सिंघार धार लोकसभा चुनाव से दो बार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं, पहली बार 2004 में उमंग सिंघार का सामना भाजपा की वर्तमान प्रत्याशी सावित्री ठाकुर से हुआ, जिसमें उमंग सिंघार 32611 वोट से चुनाव हार गए व दूसरा चुनाव वर्तमान सांसद छतर सिंह दरबार के विरुद्ध लड़ा गया जिसमें उमंग सिंघार छतर सिंह दरबार से 1 लाख वोट से पराजित हुए थे, 2004 में जब सिंघार को पहली बार टिकट मिला तब सिंघार के लिए मजबूती से काम करने वाली एवं सिंघार को राजनीति में चमकाने वाली प्रदेश की आदिवासी नेत्री उमंग सिंघार की बुआ जमुनादेवी भी जीवित थी उसके बाद भी सिंघार को हार का सामना करना पड़ा, यही कारण है की 2024 में धार लोकसभा से कांग्रेस की ओर से सिंघार का नाम मजबूती से सामने आने के बाद भी अपने खास समर्थक राधेश्याम मुवेल को मैदान में उतार दिया। अब देखना है कि धार लोकसभा में हाथ मजबूत होता है या फिर कमल खिलता है।



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