देवेंद्र चौरसिया हत्याकांडः विधायक रामबाई के आरोपी पति गोविंद सिंह की मदद में तीन गिरफ़्तार


आरोपी गोविंद सिंह पर अब तीस हजार से बढ़ाकर पचास हजार रू का इनाम घोषित कर दिया गया है।


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दमोह Updated On :
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भोपाल। देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड को लेकर बसपा विधायक रामबाई परिहार की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं हैं। अब उनके पति गोविंद सिंह पर इनाम बढ़ा दिया है। गोविंद सिंह पर अब तीस हजार से बढ़ाकर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है। वहीं मामले में तीन अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद प्रदेश की छवि को काफी नुकसान हुआ है और जानकारी की मानें तो अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पुलिस को कार्रवाई के लिए खुली छूट दी है। ऐसे में अब पुलिस अब गोविंद सिंह से जुड़े दूसरे आपराधिक मामले भी खोल सकती है।

डीजीपी विवेक जौहरी ने इनाम की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा गोविंद सिंह की फरारी के दौरान उसका सहयोग करने वाले तीन आरोपियों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। ये तीनों आरोपी के रिश्तेदार भी हैं। खबरों की मानें तो ये तीनों उसकी आपराधिक गतिविधियों में भी उसके सहयोगी रहे हैं।

एएसपी दमोह शिव कुमार सिंह ने बताया है कि फरार आरोपी को सहयोग करने के मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है जिनमें आरोपी महेंद्र सिंह परिहार, जयप्रकाश व वेद प्रकाश को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं गोविंद सिंह की तलाश जारी है। पुलिस इस मामले में बेहद गंभीर नजर आ रही है। आने वाले दिनों में आरोपी का सहयोग करने वाले अन्य लोगों की गिरफ़्तारी भी हो सकती है।

बुधवार को पुलिस ने कारवाई से पहले गोविंद सिंह की बेटी को भी नोटिस दिया है और उन्हें पूछताछ करने के लिए थाने बुलाया है। बताया जाता कि गोविंद सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें उत्तरप्रदेश की ओर भी रवाना हुईं हैं।

ख़बरों की मानें तो अब अगले कुछ दिनों में इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस गोविंद सिंह के कई और रिश्तेदारों पर नज़र रखे हुए है। ऐसे में उन्हें भी गिरफ़्तार किया जा सकता है।

गोविंद सिंह की तलाश तो की ही जा रही है लेकिन इसके साथ ही रिश्तेदारों से भी उसके बारे में जानकारी निकाली जा रही है। ऐसे में यह भी संभव है कि अब गोविंद सिंह से जुड़े कुछ दूसरे आपराधिक मामले भी खुलें।

उल्लेखनीय है कि देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट की राज्य सरकार को लेकर तल्ख़ टिप्पणी के बाद राज्य सरकार और पुलिस सक्रिय हुई। इसके बाद बुधवार को रामबाई परिहार पर प्रशासन की गंभीर कार्रवाई देखने को मिली।

जब एसटी एफ की सात टीमें गोविंद सिंह को खोजने के लिए बनाई गईं हैं जो उसे खोजने के लिए उसके घर तक पहुंची। इस दौरान गोविंद सिंह तो नहीं मिला, लेकिन इन टीमों के साथ मौजूद प्रशासनिक अमले ने रामबाई द्वारा अतिक्रमण की हुई जमीन जरूर छुड़वा ली।

इस कार्रवाई के दौरान तेजतर्रार विधायक रामबाई अपने परिवार को पिछले दो साल से प्रताड़ना का शिकार बताती रहीं। वे पुलिसकर्मियों और मीडिया के सामने हाथ तक जोड़ती नजर आईं। वे कई बार प्रशासन से अपील करती नज़र आईं कि उनका कब्जा न हटाया जाए लेकिन अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी।

ज़ाहिर है रामबाई के कमज़ोर होने से दमोह की राजनीति में कुछ नए समीकरण भी देखने मिल सकते हैं। रामबाई के खिलाफ़ जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया भी दिवंगत नेता देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश के पक्ष में बोल चुके हैं। वहीं सिद्धार्थ का नाम स्थानीय उपचुनावों में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।



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