पैसे के लेनदेन को लेकर विवादः डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता पर 10 हजार रुपये मांगने का आरोप


जिला अस्पताल में हंगामे के बाद सिविल सर्जन सहित पूरी टीम अस्पताल पहुंचे जहां पर परिजनों से चर्चा हुई जिसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए सिविल सर्जन ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।


आशीष यादव आशीष यादव
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धार। जिला अस्पताल में एक बार फिर आशा कार्यकर्ता और डॉक्टर द्वारा महिला के ऑपरेशन के मामले में पैसे लेने पर आरोप लगे हैं। रविवार को परिजनों द्वारा जिला अस्पताल में हंगामा किया गया।

जिला अस्पताल में हंगामे के बाद सिविल सर्जन सहित पूरी टीम अस्पताल पहुंचे जहां पर परिजनों से चर्चा हुई जिसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए सिविल सर्जन ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

सिविल सर्जन ने आशा कार्यकर्ता को निलंबित करने के लिए सीएमएचओ कार्यालय में पत्र प्रेषित किया है और साथ ही डॉक्टर पर उचित कार्रवाई को लेकर एक पत्र धार कलेक्टर को भी लिखा है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई कलेक्टर के द्वारा की जाएगी। संभवतः जल्द ही संबंधित डॉक्टर को भी हटाया जा सकता है।

परिजनों ने किया हंगामा –

शहर के अर्जुन कॉलोनी के पास रहने वाली महिला का 31 मार्च को बच्चेदानी का ऑपरेशन होना था। परिजन महिला को जिला अस्पताल लेकर गए और उसे वहां भर्ती कराया।

इस दौरान ऑपरेशन करने के नाम पर 10 हजार रुपये लेने के आरोप लगाया। रविवार को परिजनों द्वारा हंगामा करने के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर एमएल मालवीय पहुंचे जहां महिला के पति ने पूरा घटनाक्रम बताया।

मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। परिजनों का आरोप था कि 10 हजार रुपये लेने के बावजूद भी बच्चेदानी का ऑपरेशन नहीं किया जिसकी जानकारी रविवार सुबह परिजनों को लगी।

इसके कारण ही परिजन रविवार को हॉस्पिटल आए और हंगामा करने लगे। मामले में आशा कार्यकर्ता भूरी बाई व डॉक्टर नीरज बागड़े पर 10 हजार रुपये मांगने की बात कही जिसके बाद ही आशा कार्यकर्ता को निलंबित करने के लिए पत्र लिखा गया है।

हंगामे की सूचना के बाद परिजनों से चर्चा की जिसमें आशा कार्यकर्ता पैसे नहीं लेने की बात को सिद्ध नहीं कर पाई जिसके कारण कार्रवाई के लिए पत्र सीएमएचओ कार्यालय प्रेषित किया गया। साथ ही डॉक्टर उचित कार्रवाई का निर्णय कलेक्टर द्वारा लिया जाएगा। साथ ही एक कमेटी भी जांच के लिए बनाई गई है। – डॉक्टर एमएल मालवीय, सिविल सर्जन



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