88 शराब दुकानों का एक समूह, सिंगल आवेदन में होगा ठेका नवीनीकरण आवेदन के प्रति नहीं दिखाई दिलचस्‍पी


एक समूह शराब दुकानों की होगी नीलामी


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

जिले में शराब दुकानों के नवीनीकरण को लेकर इस बार किसी ठेकेदार ने रुचि नही दिखाई वहीं तीन ग्रुप पर नवीनीकरण के लिए सिर्फ बाग, उमरबन व डही के लिए आवेदन गए थे मगर 75 प्रतिशत नवीनीकरण नहीं होने से व भी अस्वीकार ह्यो गए हैं।  इसबार शराब दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण को लेकर जिले के 24 में से किसी भी समूह ने इसमें भागीदारी नहीं की है। अब जिले में सभी शराब दुकानें के लिए ऑनलाइन टेंडर बुलाए जा रहे हैं। गत वर्ष जिले को 24 समूहों में बांटा गया था और इस बार मूल्यांकन समिति ने किया है कि जिले की सभी दुकानें को मिलाकर एक समूह में नीलामी की जायेगी। वहीं जिले कि 88 दुकानों के ई-टेंडर के द्वारा अलॉट किया जाना है।

27 फरवरी से 4 मार्च 2024 तक ई-टेंडर डालने की प्रकिया शुरू हो गई है। हालांकि सरकार द्वारा नई आबकारी नीति लागू किए जाने से शराब ठेकेदार नाराज हैं। ठेकेदारों का कहना है नई नीति और मूल्य व्रद्धि में इसका कारण है। वहीं अब विभाग लाटरी से शराब दुकान के ठेके की प्रक्रिया शुरू करेगा। सबसे ज्यादा रेवन्यू देने वाला यह व्यापार दिनों दिन महंगा होने के कारण शराब ठेकेदार अब ठेके लेने में कतराने लगे हैं ।

एक समूह में निलामी 389 करोड़ के हैं शराब ठेके: जिले में कुल 88 शराब दुकानें है। इसमें देशी-विदेशी दोनों ही दुकानें शामिल हैं।  नई शराब नीति के तहत इस बार 10 प्रतिशत के बजाय 15 प्रतिशत बढ़ाकर टेंडर होंगे। गत वर्ष शराब दुकानों के ठेके 338 करोड़ रुपए में हुए थे। इस बार विभाग ने इसका मूल्य 389 करोड़ रुपए तय किया है।  दरअसल दुकान के मूल्य के साथ- साथ 15 प्रतिशत की वृद्धि शराब की कीमतों पर भी होगी। आबकारी द्वारा इसके लिए नए सिरे से शराब की कीमत की गणना की जाएगी। जिसे नए ठेकों के बाद लागू किया जाएगा।

रेन्युवल में सींडिकेट ने भी बनाई दूरियां : बीते दो तीन साल से धार जिले में एक ही सींडिकेट बनाकर शराब व्‍यावसाय का पूरा कारोबार संचालित हो रहा है लेकिन इस बार के ठेके में शराब सींडिकेट ने भी दूरियां बनाई है। इसकी वजह तो सामने नहीं आई है लेकिन अब टेंडर प्रकिया में सिंडीकेट बनाकर दुकानों की खरीदी की जायेगी। क्योंकि कोरोना के बाद हुए शराब ठेकों के बाद से अब तक जिले में सिंडीकेट का इस धंधे में अच्छा दबदबा रहा है। इस बार भी सिंडीकेट का ऑनलाइन ठेकों में दबाव देखने को मिल सकता है। हालांकि इस बार जिले में राजनीतिक परिदृश्य पिछले सालों की तुलना में बदले हैं। ऐसे में नए समीकरण के साथ पुरानी तस्वीर बनाने की भी चुनौती सिंडीकेट को रहेगी हालांकि सत्ता पक्ष का साथ जरूर ठेकेदारों को मिलेगा।

यहां नहीं हुए ठेकेः जिन जिलों में शराब दुकानों के ठेके नहीं हो पाए हैं उनमें धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी ,दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, बालाघाट, कटनी, डिंडौरी, विदिशा, उज्जैन संभाग में उज्जैन, रतलाम, देवास, शाजापुर, रीवा, सतना, उमरिया शामिल हैं।  लॉटरी से 32 जिलों फाइनल हो गए है। मध्यप्रदेश में पिछले साल शराब दुकानों से राज्य सरकार को 13 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।

शराब की दुकानों को लेकर अब ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं पिछले दिनो लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया में सिर्फ तीन आवेदन आए थे। 75 प्रतिशत आवेदन के बाद ही नवीनीकरण होता है। ऐसे में इसे निरस्त करते हुए जिले में सभी दुकानों के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से होगी। टेंडर डालने के लिए 27 फरवरी से 4 मार्च तक होगी। वहीं अब जिले को एक समूह किया गया है।

विक्रमदीप सिंह सांगर, सहायक आयुक्त, आबकारी धार



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