आंबेडकर जयंती से पहले शुरू हुआ जन्मभूमि बचाओ आंदोलन, महू में स्मारक समिति पर भ्रष्टाचार के आरोप


कई आंबेडकर वादियों ने लगाए आरोप, कहा समिति के सदस्य निजी खातों में लेते हैं दान और जब आयोजन के लिए सरकार पैसा देती है तो लोगों से दान लेने का क्या काम


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
आंबेडकर जन्मस्थली स्मारक, महू


इंदौर। आंबेडकर जयंती नजदीक है और महू में बाबा साहेब की जन्मस्थली का विवाद भी फिर एक बार शुरु हो चुका है। इस बार आंबेडकर स्मारक समिति पर उनके विरोधियों और समिति के पूर्व सदस्यों ने लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आरोप लगाने वालों में आंबेडकर अनुयायियों की आठ से अधिक समितियां शामिल हैं। इन सभी ने स्मारक समिति को भ्रष्टाचार करने के आरोप में भंग करने की मांग की है।  

दस दिनों बाद महू में आंबेडकर जन्मोत्सव की तैयारियां शुरु हो जाएंगी लेकिन इससे पहले एक आंदोलन शुरु हो चुका है। इसे भीम जन्मभूमि बचाओ आंदोलन का नाम दिया गया है। इस आंदोलन में भारतीय बौद्ध महासभा, समता सैनिक दल ,संत शिरोमणि रविदास कल्याण समिति, भीम जन्मभूमि बचाओ आंदोलन समिति, गगन मलिक फाउंडेशन, भीम आर्मी, भीम सेना, संविधान बचाओ दल ,अखिल भारतीय बलाई महासंघ ,समग्र दलित क्रांति सेना, टाइगर ग्रुप के सदस्यों ने एकमत होकर स्मारक का रखरखाव और प्रबंधन करने वाली इस समिति को भंग करने की मांग की है।

जन्मभूमि बचाओ समिति की प्रेस वार्ता

आंदोलन समिति के प्रदेश संयोजक मुकुल लक्ष्मण बाघ, हेमंत हिड़ोले, मोहन राव वाकोड़े, डॉ. संदीप गंवई आदि ने आरोप लगाया कि आंबेडकर स्मारक समिति के सदस्य डॉक्टर अंबेडकर साहब के विचारधारा के खिलाफ काम कर रहे हैं।

समिति पर आरोप लगाते हुए इन्होंने कहा कि  समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव आदि खुद बाबा साहेब आंबेडकर के परिजनों से दुर्व्यवहार करते हैं और अगर वे खुद स्मारक पर कोई कार्यक्रम करना चाहें तो उन्हें अनुमति नहीं दी जाती। बताया गया कि इस बार अंबेडकर समिति द्वारा समता सैनिक दल को भी सलामी देने के लिए आमंत्रित तक नहीं किया गया। जिस कारण समाज लोगों में असंतोष है।

 

भीम जन्मभूमि बचाओ आंदोलन समिति के इन सदस्यों ने बताया कि वर्तमान समिति द्वारा स्मारक में भारी घोटाला किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाए कि यहां किचन शेड बनाने के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया गया है। स्मारक के अंदर रखे गए अस्थि कलश की स्मारक प्रतिकृति जो 16 लाख रुपए में बना था उसमें ठेकेदार से सांठगांठ कर मात्र छह लाख रुपये में बनवा दिया तथा फर्जी बिल लगाकर राशि रख ली गई।

यही नहीं ठेकेदार को आज तक भुगतान भी नहीं किया गया। स्मारक समिति के सदस्यों ने अपने रिश्तेदारों को कर्मचारी बताकर लाखों रुपए का गबन किया है इसके अलावा सचिव व उपाध्यक्ष द्वारा राजेंद्र नगर क्षेत्र में एक अलग से कार्यालय खोला गया है जहां पर स्मारक के नाम पर लाखों रुपए लिए जा रहे हैं और ये रुपए सीधे सदस्यों के खाते में जाते हैं यही नहीं सचिव ने बारकोड द्वारा अपना निजी खाते का नाम देकर अंबेडकर लाखों रुपए दान के रूप में लेकर अपने खाते में जमा कराए जा रहे हैं। आंदोलन के इन सदस्यों ने आरोप लगाया कि स्मारक के सामने बन रहे उद्यान में भी भ्रष्टाचार किया गया है।

इन सभी ने समिति पर भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर कार्रवाई करने की मांग की है और कहा है कि 14 अप्रैल के पहले इन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तो मध्य प्रदेश शासन के कार्यक्रमों का विरोध करेंगे। आंदोलन समिति के सदस्यों ने मध्यप्रदेश शासन तथा जिला शासन को पत्र देकर वर्तमान कमेटी को भंग करने, समिति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच करने अन्य समाज के लोगों को भी सदस्य बनाने की मांग की है।

यहां मोहन राव वाकोड़े ने सवाल उठाया कि जब आंबेडकर उत्सव समिति मनाने के लिए प्रदेश शासन द्वारा करोड़ रुपए की राशि दी जाती है तो फिर समिति के सदस्य इस उत्सव के लिए दान क्यों ले रहे हैं और जो दान की राशि दी गई है वह कहां है।



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