खरगोनः नकली नोट गिरोह के 6 गिरफ्तार, मामा-भांजे ने खपाए लाखों के नकली नोट


जाली नोट छापने और खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मामा-भांजे सहित बिचौलिये का काम कर रहे छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार छह आरोपियों में से तीन खरगोन, एक खंडवा और दो आगर मालवा एवं इंदौर जिले के निवासी हैं।


kantilal-karma कांतिलाल कर्मा
घर की बात Updated On :
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– पहले नकली नोटों को ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया, किसी को शक नहीं हुआ तो छाप लिए 30 लाख के नोट।
खरगोन। जाली नोट छापने और खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मामा-भांजे सहित बिचौलिये का काम कर रहे छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार छह आरोपियों में से तीन खरगोन, एक खंडवा और दो आगर मालवा एवं इंदौर जिले के निवासी हैं।

टीम ने आरोपितों के पास से 30 लाख 65 हजार रुपये के दो हजार और 500 रुपये के नकली नोटों के बंडल जब्त किए हैं। प्रिंटर व स्कैनर की मदद से आरोपी नकली नोट तैयार करते थे।

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी शैलेंद्र सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि

जिले में करीब पांच माह से नकली नोट चलाए जाने की सूचनाएं मिल रही थी, जिस पर सभी थानों को सतर्क कर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे। इसी दौरान मंगलवार को सूचना मिली थी कि बलकलवाड़ा थाना क्षेत्र के बलखड़ रोड पर कुछ युवक रुपये के लेन-देन को लेकर खड़े हैं, संभवतः इनके पास नकली नोट हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए टीम गठित कर दबिश दी गई। यहां पांच व्यक्ति तीन बाइक्स के पास खड़े मिले।

मौके से बरामद किए 18 लाख के नकली नोट – 

पुलिस दबिश में मौके से जितेंद्र रामप्रसाद भाटी निवासी आनंदीखेड़ी, संजय चतरसिंह जौगी निवासी ललनी थाना भीकनगांव, साहित पवन पंवार निवासी बोरगांव पंधाना खंडवा, नरेंद्र अमरसिंह पंवार निवासी बमनाला, विजय उर्फ कान्हा बदामसिंह बेलदार निवासी टिमरनी को हिरासत में लिया गया।

तलाशी के दौरान पांचों के पास से करीब 18 लाख रुपये के दो हजार और 500 रुपये के नोट मिले, जांचने पर उक्त नोट जाली पाए गए। जिले के बलकलवाड़ा थाना क्षेत्र में खपाने आया था।

घर में छापता था नोट – 

पूछताछ में जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह अपने घर पर ही नोट छापने का काम करता है। करीब पांच माह से वह नोट छाप रहा है, इन नोटों को खपाने में उसका मामा जगदीश रतनलाल तोमर निवासी आनंदीखेड़ी इंदौर मदद करता है।

जितेंद्र की निशानदेही पर जगदीश के घर इंदौर दबिश दी गई। यहां से चार लाख 65 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए। पुलिस ने जितेंद्र के घर भी सर्चिंग की, जहां से अपूर्ण छपे नकली नोट, प्रिंटर मशीन, नोट छापने के उपयोग में आने वाला हाई-क्वालिटी कागज सहित अन्य उपकरण एवं 8 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए।

पहली नजर में नहीं कर पाए फर्क –

पुलिस ने बताए नोटों को देखने पर पहली नजर में कोई फर्क नहीं कर पाए। नोटों की छपाई एकदम असली नोटों की तरह की गई थी। कागज सहित छपाई कलर हाई-क्वालिटी का इस्तेमाल किया जा रहा था।

एसपी के मुताबिक, आरोपी आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे। जितेंद्र करीब पांच माह से यह नोट छाप रहा था और अब तक लाखों रुपये छोटे-मोटे कामों जैसे पेट्रोल पंप, ट्रक चालकों के जरिये खपाने में कामयाब हो चुका है। आरोपी ने यूट्यूब से नकली नोट बनाना सीखने के बाद नोट स्कैन किए।

ग्रामीण इलाकों में उसने इन नोटों से कुछ सामान खरीदा। किसी को शक नहीं हुआ तो उसका हौसला और बढ़ गया और उसने मामा के साथ और नोट स्कैन किए और स्व-सहायता समूह में लोन के रूप में बड़ी रकम सप्लाई करने की योजना बनाई थी, लेकिन इसके पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया।



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