सहकारी कर्मियों ने कहा- नियमितीकरण नहीं तो राशन दुकानें व पंजीयन सब करेंगे ठप्प


राशन दुकानों से संबंद्ध सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर यह ऐलान किया है कि जिले भर में वह चार फरवरी, गुरुवार से तालाबंदी कर देंगे। राशन दुकानें ठप्प रहेंगी, गेहूं के पंजीयन नहीं हो सकेंगे।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
narsinghpur-dharna

सहकारी समिति के कर्मचारी चार फरवरी से करेंगे तालाबंदी।

नरसिंहपुर। राशन दुकानों से संबंद्ध सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर यह ऐलान किया है कि जिले भर में वह चार फरवरी, गुरुवार से तालाबंदी कर देंगे। राशन दुकानें ठप्प रहेंगी, गेहूं के पंजीयन नहीं हो सकेंगे।

उनकी मांग नहीं मानने पर जल्द ही प्रदेश भर में राशन दुकानों से जुड़े सहकारी समितियों के प्रबंधक, सेल्समैन, तुलावटी और अन्य कर्मचारी हड़ताल कर देंगे।

मंगलवार को सहकारी समितियों के कर्मचारियों लामबंद होकर रैली निकाली और धरना-प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम नृसिंह भवन पहुंचकर एडीएम को ज्ञापन सौंपा।

सहकारी समितियों के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, देखिये वीडियो – 

मप्र सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने समिति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। मंगलवार को जिले भर के सहकारी समितियों के कर्मचारी जिला मुख्यालय में एकत्रित हुए।

उन्होंने बैठक कर रणनीति बनाई और रैली निकालते हुए ज्ञापन सौंपा कि एक-एक कर्मचारी को नियमित किया जाए अन्यथा वह प्रदेश भर में चार फरवरी से राशन दुकानों में तालाबंदी करेंगे। गेहूं के पंजीयन नहीं होंगे और कोई भी कार्य अनिश्चितकाल के लिए ठप्प रहेगा।

पीओएस मशीन कर रहे थे जमा, अधिकारियों ने लेने से किया इंकार –

संगठन ने सभी राशन दुकानों से पीओएस अर्थात पॉइंट सेलिंग मशीन एकत्रित कर खाद्य महकमे के हवाले करने के लिए कहा, लेकिन अधिकारियों ने लेने से इंकार कर दिया।

दूसरी तरफ संगठन के नेताओं का कहना है कि पॉइंट सेलिंग मशीन से भी कई गड़बड़ियां हुई हैं। सहकारी समिति के कर्मचारियों पर जबरन मामले थोप दिए गए हैं।

क्या बोले संगठन के नेता, देखिये वीडियो – 

इन मांगों पर भी ध्यान आकर्षण –

पीडीएस खाद में कटौती, वेतन भत्ते, उनको मिलने वाले कमीशन और बिना जांच के दर्ज हुई एफआईआर की वापसी व भर्ती प्रक्रिया को चालू रखने की मांग।

20 सालों से कर रहे हैं मांग, किया जाए नियमित –

मुख्यमंत्री जी ने 2008 में महापंचायत बुलाई थी जिसमें नियमितीकरण को लेकर आश्वास्त किया था, लेकिन आज तक यह नहीं हो सका। हम 20 सालों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। हम शासकीय काम कर रहे हैं लेकिन अफसोस है कि हम शासकीय कर्मचारी नहीं कहला पाते इसलिए हम नियमितीकरण की मांग करते हैं।

– शफी खान, प्रदेश प्रवक्ता, मप्र सहकारी समिति महासंघ



Related