राष्ट्रीय कवि संगम के कार्यक्रम में बोले प्रो. शंभू सिंह- कविता लेख में अब ढूंढने पढ़ते हैं हिन्दी के शब्द


कार्यक्रम के दौरान कई कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया, जिसने वहां उपस्थित श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। रविवार को राष्ट्रीय कवि संगम के कार्यक्रम में प्रो. शंभू सिंह मनहर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे व जाने-माने कवि व साहित्यकार गुरु प्रसाद सक्सेना सांड नरसिंहपुरी, मनीष तिवारी जबलपुर, लालसाहब जाट अतिथि थे।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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नरसिंहपुर। राष्ट्रीय कवि संगम के कार्यक्रम में हास्य व ओज रस के कवि अशोक त्रिपाठी की काव्य कृति खुश रहो का विमोचन किया गया।

विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कवि संगम के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. शंभू सिंह मनहर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सुनियोजित तरीके से हिन्दी के साथ एक जिहाद जैसी स्थिति चल रही है। अब हिन्दी भाषा की कविताओं व लेखन में हिन्दी शब्द ढूंढना पड़ते हैं। हिन्दी भाषाओं की कृतियों में दूसरी भाषाओं के शब्द सुनियोजित तरीके से इस्तेमाल कर हिन्दी की समृद्धता को कम करने का षड्यंत्र चल रहा है।

कार्यक्रम के दौरान कई कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया, जिसने वहां उपस्थित श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। रविवार को राष्ट्रीय कवि संगम के कार्यक्रम में प्रो. शंभू सिंह मनहर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे व जाने-माने कवि व साहित्यकार गुरु प्रसाद सक्सेना सांड नरसिंहपुरी, मनीष तिवारी जबलपुर, लालसाहब जाट अतिथि थे।

कवि गुरु प्रसाद सक्सेना सांड नरसिंहपुरी का वीडियो – 

कार्यक्रम में विशेष तौर पर कवि अशोक त्रिपाठी, शिव कुमार वर्मा मंचासीन थे। इस मौके पर कवि अशोक त्रिपाठी की काव्य कृति खुश रहो का विमोचन करते हुए कवि गुरु प्रसाद सक्सेना सांड नरसिंहपुरी ने कहा कि कुछ करते हुए उसकी प्रमाणिकता देना आवश्यक है। कुछ इसी तरह का कार्य कवि त्रिपाठी ने किया है। वह कई वर्षों से लिखते आ रहे हैं और उनकी कृतियां प्रकाशित होती आ रही हैं।

राष्ट्रीय हिन्दी संगम के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. मनहर ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर गणेश प्रसाद सोनी, डॉ. सुधीर सिंघई, सरस तिवारी, बहादुर पटेल, संजय जैन अमित करेली ने काव्य पाठ किया

संजय जैन अमित करेली का काव्य पाठ का वीडियो – 

कार्यक्रम में डॉ. विवेक सक्सेना, अमितेन्द्र नारोलिया, आनंद बौछार आदि मौजूद रहे।



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