पंचकोशी यात्रा: श्री नवग्रह से आशीर्वाद लेकर मां नर्मदा के जयकारों के साथ निकले श्रद्धालु


पौष माह की एकादशी पर प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी निमाड़ अंचल में सुख-समृद्धि के साथ ही कोरोना महामारी से निजात की कामना को लेकर शनिवार को बदले मौसम के मिजाज के बीच कुंदा तट स्थित श्रीनवग्रह मंदिर से पंचकोसी यात्रा उमंग, उत्साह के साथ भक्ति भरे माहौल में निकाली गई।


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खरगोन। पौष माह की एकादशी पर प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी निमाड़ अंचल में सुख-समृद्धि के साथ ही कोरोना महामारी से निजात की कामना को लेकर शनिवार को बदले मौसम के मिजाज के बीच कुंदा तट स्थित श्रीनवग्रह मंदिर से पंचकोसी यात्रा उमंग, उत्साह के साथ भक्ति भरे माहौल में निकाली गई।

इन दिनों रोजाना बदलते मौसम के बीच शनिवार को सुबह से हल्की बारिश और कोहरे के बीच सैंकड़ों श्रद्धालु नवग्रह देवताओं के दर्शन कर उनसे पैदल चलने की शक्ति का आशीर्वाद लेकर मां नर्मदा के जयघोष के बाद 70 किलोमीटर की यात्रा के लिए निकल पड़े।

यह पंचकोशी यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। यात्रा के दौरान नर्मदे हर के जयघोष से नवग्रह नगरी गूंज उठी। यात्रा का समापन 13 दिसंबर अमावस्या को नवग्रह मंदिर में ही होगा।

यात्रा प्रभारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि

यह यात्रा स्वर्गीय डॉ. रविंद्र भारती (उज्जैन) की प्रेरणा व ब्रह्मलीन संत पूर्णानंद बाबा एवं बोंदरू बाबा की स्मृति में निकाली जाती है। यात्रा में शामिल होने वाले पदयात्री शुक्रवार शाम को ही नवग्रह मंदिर पहुंच गए थे। रातभर श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन कर जगराता किया। विश्राम के बाद शनिवार सुबह गणेश पूजन, नवग्रह पूजन व ओंकार ध्वज का पूजन व महाआरती के बाद पद यात्रियों ने नर्मदे हर के जयघोष के साथ यात्रा शुरू की। यात्रा के मुख्य ध्वजवाहक मेहरजा के नैनसिंह बाबा थे।

मंदिर के पंडित लोकेश जागीरदार ने बताया कि पदयात्रा की निमाड़ में विशेष महत्व है। नवग्रह मंदिर से शुरू हुई यात्रा शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा.अर्चना के बाद गोपालपुरा, मेहरजा होकर ग्राम नागझिरी पहुंची। यहां बोंदरू बाबा समाधि स्थल परिसर में रात्रि विश्राम के साथ भजन-कीर्तन का दौर चला।

यह रहेगा पंचकोशी यात्रा का मार्ग –

पहला पड़ाव: नागझिरी से खेड़ा राजपुर, जामली, कुकडोल, कुम्हारखेड़ा, उमरखली खांडेराव बाबा, मोटी माता मंदिर पर रात्रि विश्राम।
दूसरा पड़ाव: देवझिरी, भसनेर, संतोषी माता मंदिर, बड़घाट पर रात्रि विश्राम।
तीसरा पड़ाव: दामखेड़ा, रणगांव, बिरोटी होकर संत श्री पूर्णानंद बाबा की समाधि स्थल इंद्रटेकड़ी पर रात्रि विश्राम।
चौथा पड़ाव: बडघाटेश्वर महादेव मंदिर में करने के बाद पांचवे दिन मेलडेरा शिवालय दर्शन, स्नेह वाटिका होते हुए नवग्रह मंदिर प्रांगण में महाआरती और महाप्रसादी वितरण के बाद यात्रा का समापन।

इस दौरान यात्रा में शामिल श्रद्धालु 11 धार्मिक स्थलों का दर्शन-पूजन करेंगे। यह यात्रा शहर से लगी 20 गांवों की सीमाओं से होकर गुजरेगी। जहां श्रद्धालुओं का जगह-जगह स्वागत के साथ ही ठहरने एवं भोजन की व्यवस्थाएं की जाती हैं।



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