उज्जैनः मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर मनाया गया गंगा दशहरा महोत्सव


रविवार को मोक्षदायिनी शिप्रा के विभिन्न‌ घाट तथा नीलगंगा सरोवर पर गंगा दशहरा उत्सव मनाया गया। शिप्रा लोक संस्कृतिक समिति के तत्वावधान में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा गंगा माता की पूजा-अर्चना कर चुनरी अर्पित की।


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उज्जैन। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर मोक्षदायिनी शिप्रा के विभिन्न‌ घाट तथा नीलगंगा सरोवर पर गंगा दशहरा उत्सव मनाया गया।

शिप्रा लोक संस्कृतिक समिति के तत्वावधान में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा गंगा माता की पूजा-अर्चना कर चुनरी अर्पित की।

शिप्रा तट स्थित गंधर्व कुंड में गंगा माता की प्रतिमा विराजित कर महामारी निवारण के लिए पूजा अर्चना की जा रही है।

इस बार कोरोना संक्रमण के कारण बड़े आयोजन नहीं हुए।

मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर गंगा दशहरा उत्सव मनाने की परंपरा पुरानी है और रविवार को भी यह उत्सव परंपरागत रूप से कोरोना गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए मनाया गया।

शिप्रा लोक संस्कृति समिति द्वारा प्रतिवर्ष शिप्रा परिक्रमा यात्रा का आयोजन किया जाता है। हालांकि बीते दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा स्थगित की जा रही है। दशमी पर संस्था की ओर से पारंपरिक पूजा का सिलसिला जारी है।

नीलगंगा चौराहा स्थित प्राचीन नीलगंगा सरोवर पर भी गंगा दशहरा उत्सव मनाया गया। शाम 7 बजे गंगा माता का अभिषेक पूजन कर चुनरी चढ़ाई जाएगी। इसके बाद तीर्थ पुरोहित शिप्रा की तर्ज पर माता गंगा की महाआरती करेंगे और भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।

ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर गंगा माता के अवतरण की मान्यता है। स्कंदपुराण के अवंतिखंड की मान्यता के अनुसार माता गंगा भगवान ब्रह्मा के कहने पर अपने दोषों के परिहर के लिए महाकाल वन में शिप्रा के तट पर आईं थीं इसलिए गंगा दशमी पर शिप्रा गंगा माता के पूजन के साथ यह उत्सव भव्य रूप से मनाया जाता है।



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