क्या मोदी के बाद देश का सबसे बड़ा नेता इनमें से ही कोई एक होगा? इन सवालों का जवाब तो वक्त के साथ ही मिलेगा।
आपकी समृतियों का संसार हम सबको जीवनभर प्रेरणा देता रहेगा। आपसे विदा लेना सम्भव नहीं है। आपसे सुखद स्मृतियों में ही सही मिलना होता रहेगा। लव यू बाबा।
महबूबा मुफ्ती दिखावे के लिए नहीं बल्कि मन से और विचार से यदि बदलना चाहती हैं तो उनको हतोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए.
बीजेपी के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना आसान नहीं मालूम पड़ रहा है और कांग्रेस इस हथियार को चुनावी लाभ के लिए उपयोग करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती.
लोकतंत्र में कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल का टिके रहना जरूरी है. दूसरे राज्यों में कांग्रेस जिन हालातों में पहुंच गई है अगर वही हालात मध्यप्रदेश में अगले चुनाव में भी बन गए तो…
कौन थे ऐसे नागरिक-सहयात्री जो कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ उस विमान में रायपुर तक यात्रा करने की जोखिम उठा रहे थे ? क्या वे वही थे जो राहुल गांधी को उनकी…
उनका जाना किसी मशाल का बुझ जाना नहीं है? बल्कि उनका जाना किसी पावर हाउस का चला जाना है। वे दीपक नहीं थे, भटके हुए जहाजों को रास्ता दिखाने वाले लाइटहाउस थे।
बटवारे के बाद, मुस्लिम समुदाय के समक्ष पेश चुनौतियों और अस्तित्व पर मंडराते खतरे ने हमें एक बहुत सशंकित सांस्कृतिक समूह में बदल दिया. अपनी सांस्कृतिक पहचान को बचाने की चिंता हमारी राजनीतिक…
देश में इस समय बहस चल रही है कि राहुल गांधी अपनी लंदन यात्रा के दौरान एक विदेशी ज़मीन से प्रधानमंत्री पर प्रहार कर भारत की छवि को कमजोर कर रहे हैं। पिछले…
केजरीवाल हरेक मौक़े पर केंद्र के एजेंडे के साथ ही खड़े नज़र आए। भाजपा से लड़ने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता की कोशिशों से भी वे हमेशा दूरी बनाते हुए दिखे।
पीएम मोदी ने क्या कर्नाटक के लोगों का अपमान नहीं किया है? या फिर इसे देश के दलितों का अपमान क्यों न माना जाये?
मुफ्तखोरी की योजनाओं पर सभी दल एक दूसरे का विरोध करते हैं लेकिन मौका मिलने पर कोई भी दल मुफ्तखोरी की योजनाएं घोषित कर अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने से बाज़…
राहुल गांधी ने देश की हुकूमत और रायपुर में उपस्थित कांग्रेसजनों के लिए घोषणा की कि अब भारत की सड़कें ही उनका घर बनने वाली हैं।
पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद रायपुर से प्रकट होने वाले कांग्रेस के तेवरों का महत्व और बढ़ गया है। भय इस बात का है कि…
ग्लोबल वार्मिंग की तपिश हमारे घर में भी दस्तक देने लगी है। फरवरी मध्य में यदि मार्च-अप्रैल जैसी गर्मी महसूस की जा रही है तो यह आसन्न खतरे का संकेत है।
समय रहते यदि प्रशासन और सरकार न चेती तो भीड़ के ये नए नाभि केंद्र बहुत बड़ी समस्या का रूप ले लेंगे।
राजनीति और धर्मगुरुओं का यह घालमेल अंततः समाज के लिए फायदेमंद होने की बजाय हानिकारक साबित होगा. सरकारों को ऐसे अंधविश्वास और अराजक दौर से लोगों को बचाने के लिए सतर्क रहने की…
जो राजनेता धर्म का सकारात्मक लाभ लेने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, वह नकारात्मक ढंग से धर्म-संस्कृति और शास्त्रों पर सवाल खड़े करते हैं.
डॉ एचएस त्रिपाठी राजीव गांधी जी की सरकार के समय में तकनीकी वृद्धि और शिक्षा व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम, व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को ज्यादा जोर देते हुए शिक्षा नीति1986 बनाई गयी थी और…
सदन में सर्वप्रिय होना आसान नहीं होता, धनखड़ ने इस दिशा में पहल की है। वे कानूनविद तो हैं ही, नेता भी हैं। उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता।