विपक्षी एकता की बैठक को लेकर सरगर्मियां तेज़, अर्थशास्त्री अमृत्य सेन ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता का बंटवारा ज़रूरी होता है…


एनडीए की बैठक भी अपने घटक दलों के साथ 18 जुलाई को नई दिल्ली में है ।


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राजनीति Published On :

देश में साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ संयुक्त लड़ाई की योजना तैयार करने के लिए विपक्षी दलों की आगामी बैठक के साथ बेंगलुरु में होने जा रही है। यह बैठक एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में है।

इससे पहले संयुक्त विपक्ष की बैठक पिछले महीने पटना में  हुई थी। जहां भाजपा के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा बनाने के लिए शुरुआत की गई। हालाँकि यह बैठक हिमाचल प्रदेश के शिमला में होने वाली थी, लेकिन राज्य में मौसम की स्थिति के कारण इसे बेंगलुरु में स्थानांतरित कर दिया गया।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए सीट बंटवारे, संभावित साझा कार्यक्रम और रणनीति पर सहमति बनाने से पहले और बैठकें हो सकती हैं।

इसके अलावा भाजपा के नेतृत्व वाले राजनीतिक दलों के संगठन  राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) भी सक्रिय है, और इसकी बैठक 18 जुलाई को नई दिल्ली में प्रस्तावित है। इस बैठक के जरिए एनडीए को और मजबूत बनाने की कोशिश हो रही है। माना जा रहा है कि विपक्षी एकता की खबरों से भाजपा ने अपनी नई रणनीति बनाने पर काम करना शुरु कर दिया है। इस बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा के शीर्ष नेता अपने सर्मथन में आ रहे दूसरे दलों के नेताओं को मनाने में जुट गए हैं। इस बैठक में आने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान को पत्र लिखा है।

विपक्ष की एकता को सिविल सोसायटी का भी साथ मिल रहा है। नोबल पुरुस्कार प्राप्त अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने विपक्षी एकता के कदमों का स्वागत किया, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र अक्सर सत्ता की साझेदारी की मांग करता है।

उन्होंने आगे कहा कि  “मुझे लगता है कि मामले की सच्चाई यह है कि लोकतंत्र अक्सर सत्ता के बंटवारे की मांग करता है। (लेकिन) अक्सर, बहुमत के वोट ने अल्पसंख्यक दलों को वह ताकत रखने की अनुमति नहीं दी और बल्कि उन्हें बहुत अनिश्चितता (स्थिति) में छोड़ दिया। ऐसे में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, किसी प्रकार की शक्ति संतुलन बनाने का एकमात्र तरीका” विपक्षी दलों के लिए “कमजोर रहने के बजाय एक-दूसरे के साथ खड़ा होना” होगा। उन्होंने आगे कहा, “कुछ मायनों में ऐसा ही लग रहा है जैसा कि पिछले महीने हुई पटना की बैठक में हुआ था।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की है और उन्हें बताया गया है कि वह 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में भाग लेंगे।

पवार ने कहा कि वे मंगलवार को इस बैठक में भाग लेंगे, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने विपक्ष में दरार आने जैसी खबरों को खारिज कर दिया, उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की आधिकारिक बैठक मंगलवार को है और इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया केवल रात्रिभोज की मेजबानी कर रहे हैं।

वहीं इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि  “कोई दिक्कत नहीं है, सब आ रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”ममता जी आ रही हैं, अखबारों में पढ़िए केजरीवाल जी आ रहे हैं, नीतीश जी, तेजस्वी जी, स्टालिन जी… दरअसल, पटना बैठक में मौजूद लोगों से ज्यादा लोग हमारे साथ आ रहे हैं।”

 

 



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