कांग्रेस का वादा, सरकार बनी तो पता चलेगी मध्यप्रदेश में पिछड़ों और अगड़ों की सही आबादी


कमलनाथ भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा सम्मेलन में शामिल हुए।


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राजनीति Published On :

भोपाल। विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं और कांग्रेस ने इससे पहले एक और बड़ा वादा किया है। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के तय उम्मीदवार और  प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने कहा है कि सरकार बनने पर वे जातिगत जनगणना करवाएंगे ताकि पता चल सके कि हमारे समाज में किसकी कितनी आबादी है और गरीब लोगों को कौन सी परेशानी है। उल्लेखनीय है कि साल 2011 में केंद्र सरकार ने सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस से जाति आधारित डेटा जुटाना शुरु किया था और  जिसे साल 2016 में प्रकाशित किया गया लेकिन इसमें जाति के अनुसार आंकड़े नहीं दिए गए थे। इसके बाद से ही जाति आधारित डेटा की मांग तेज होती रही है।

रविवार को कमलनाथ भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने कहा कि, ‘ओबीसी वर्ग को आरक्षण देना मेरी भावना थी। मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि OBC की जनसंख्या 55% है, तो जो न्याय आपसे करना है और अन्याय को ठीक करना है, वह किया जाएगा। आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है। आज मध्य प्रदेश में 1 करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं।’

कमलनाथ ने कहा कि, ‘कांग्रेस सरकार आने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी, ताकि जानकारी मिल सके… चाहे वे ब्राह्मण हों, राजपूत हों, लोधी हों, कुर्मी हों… सभी को पता चले कि हमारे समाज के गरीब लोगों को कौन सी परेशानी है। मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 55% है। सरकार जातिगत जनगणना इसीलिए नहीं करा रही, क्योंकि यह पोल खुल जाएगी।’

उल्लेखनीय है कि बिहार प्रदेश में सरकार ने जातिगत जनगणना करवाना शुरु किया था। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी कुछ असमंजस में थी लेकिन साफ तौर पर बहुत खुश नहीं थी। इसके बाद में इस जनगणना को हाईकोर्ट ने रोक दिया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस समय जातिगत जनगणना के लिए मांग कर रही है और इसके लिए पार्टी के  नेता कई इलाकों में जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

जातिगत जनगणना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक देश में ओबीसी की आबादी 52 प्रतिशत ही बताई जाती है जो मंडल कमीशन के आंकलन पर थी और मंडल कमीशन ने 1931 में हुई जातिगत जनगणना को इसका आंकलन का आधार बनाया था। ऐसे में फिलहाल जातिगत आबादी का ठोस अंदाज़ा नहीं है। अमूमन जनगणना में धर्म के अलावा दलित और आदिवासियों के बारे में जानकारी मिलती है लेकिन गैर दलितों की जनगणना नहीं होती। ऐसे में इनकी आबादी का सही अंदाज़ा नहीं है। भाजपा केंद्र में रहते हुए इस योजना के पक्ष में दिखाई नहीं देती है और संसद में दिए एक जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि सरकार के पास केवल दलित और आदिवासियों की संख्या के लिए जनगणना की योजना है अन्य समाजों के लिए नहीं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी पहले इस जातिगत जगणना की हिमायती रही है।

 



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