पोस्टर के सहारे याद दिलाए जा रहे शिवराज सरकार में हुए घोटाले


पहले कमलनाथ के खिलाफ पोस्टर लगाने की खबर आई थी इसके बाद से अब तक सीएम के खिलाफ दो बार पोस्टर लग चुके हैं और इस बार तो कई शहरों में लगे हुए हैं।


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राजनीति Updated On :

भोपाल। मप्र की राजनीति में इन दिनों आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है और इसमें अब पोस्टर वॉर की एंट्री भी हो चुकी है। पहले कांग्रेस के सीएम प्रत्याशी कमलनाथ को भ्रष्टाचारी बताने वाले पोस्टर लगाए गए थे और अब सीएम शिवराज के साथ ऐसा ही हो रहा है।

दोनों ही मामलों में नहीं पता कि पोस्टर किसने लगाए थे लेकिन कांग्रेस इसे लेकर ज्यादा खुश है क्योंकि सीएम शिवराज के बारे में जो पोस्टर लगाए गए हैं उनकी चर्चा ज्यादा हो रही है।

ये पोस्टर दरअसल शिवराज सरकार के दौर में हुए घोटालों और भ्रष्टाचार के मामले जनता को याद दिलाने के लिए भी हैं। इनका कांग्रेस से संबंध है या नहीं, लेकिन इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता कि यह पोस्टर कांग्रेस को लाभ पहुंचा रहे हैं और उनकी उस रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं जिसके तहत वे शिवराज सरकार के दौरान हुए चार सौ घोटालों की लिस्ट जनता को देने वाले हैं।

पिछले दिनों भोपाल में लगाए गए कमलनाथ को वांछित बताने वाले पोस्टर

पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भ्रष्टाचारी बताने वाले पोस्टर भोपाल की सड़कों पर दिखाई दिए। इसका पहला प्रचार भाजपा के प्रवक्ताओं ने किया। इसके बाद कांग्रेसियों ने इसके खिलाफ एफआईआर करवाने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी।

इसके तुरंत बाद एक सीएम शिवराज के खिलाफ पोस्टर भी भोपाल में नजर आने लगे। अब फिर ऐसे ही पोस्टर सीएम शिवराज के बारे में लगाए जा रहे हैं। बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में सीएम शिवराज सिंह चौहान के जो पोस्टर लगाए गए उनकी चर्चा हर कहीं रही।

इन पोस्टरों में सीएम का चेहरा एक बार कोड पर बनाया गया और लिखा 50% कमीशन लाओ और फोन पे काम कराओ। ज़ाहिर है यह सीएम शिवराज पर कमीशन लेने का आरोप है।

बुधवार को सीएम शिवराज के खिलाफ कई शहरों में इस तरह के पोस्टर लगाए गए

ठीक ऐसा ही आरोप बीते दिनों संपन्न हुए कर्नाटका चुनावों से कुछ पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री बसव राज बोम्मई पर भी लगाए गए थे। उनके खिलाफ पे सीएम के पोस्टर लगाए गए थे, जिन पर लिखा था कि यहां चालीस प्रतिशत स्वीकार किया जाता है।  इसे कांग्रेस के नेताओं ने अपना नहीं बताया लेकिन माना गया कि यह कांग्रेस के चुनाव अभियान का एक हिस्सा था।

इस तरह कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ चालीस प्रतिशत कमीशन लेने के मुद्दे जनता तक पहुंचाया था और यह अभियान एक तरह से सफल रहा।

भाजपा सरकार पर यह आरोप उस समय बेंगलुरू के कई ठेकेदारों ने टीवी कैमरों पर लगाए थे जिसके बाद उनके खिलाफ एक लहर बन रही थी। ऐसे में जनता तक सरकार के भ्रष्टाचार के सीधे आरोप पहुंचाने में आसानी हुई और इन्हें नए तरीके से दिखाने में इन पोस्टरों ने मदद की।

कर्नाटक चुनावों में तत्कालीन सीएम के खिलाफ लगाए गए थे इस तरह के पोस्टर

अब यही अभियान मध्यप्रदेश में दोहराया जा रहा है। मध्यप्रदेश में फिलहाल तो किसी  ने किसी के खिलाफ पोस्टर लगाने वाले मामले में कोई जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन सभी समझ रहे हैं कि यह आपसी विरोधियों की राजनीति है।

वहीं कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में अब तक सीधे तौर पर सरकार पर मोटा कमीशन के आरोप नहीं लगाए गए हैं, लेकिन शिवराज सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर घोटालों की खबरें आई हैं, लेकिन इन्हें सरकार ने खास तवज्जो नहीं दी और अपनी छवि बनाए रखने में जुटी रही।

इनमें सबसे चर्चित महाकाल मंदिर में बनाए गए महाकाल लोक में घोटाले की खबर रही। जिसमें कम गुणवत्ता की सामग्री उपयोग की गई। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग में भी कई घोटालों की खबर, राशन घोटाला, पोषण आहार घोटाला जैसे कई भ्रष्टाचार के विषयों की खबरें आईं हैं, लेकिन इन पर सरकार ने कभी कोई जवाब नहीं दिया।

कांग्रेस ने इस तरह के करीब चार सौ घोटालों की सूची बनाकर तैयार की है। इन पर एक किताब भी बनाई जाएगी और जो चुनाव से पहले जनता के बीच पहुंचेगी। ज़ाहिर है ऐसे में सड़कों पर लगे पोस्टर भी इसी कड़ी में शामिल हैं। दोनों ही पार्टी के नेताओं की मानें तो आगे इस तरह के कई और अभियान एक दूसरे के खिलाफ चलाए जाएंगे।

हालांकि भाजपा से जुड़े कुछ नेता यह बात स्वीकारते हैं कि इस बार वे ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे क्योंकि सीएम शिवराज लगातार मुख्यमंत्री रहे हैं और उनके कार्यकाल के सामने कमलनाथ सरकार के कुछ महीनों के कार्यकाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना बहुत काम का नहीं होगा।



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