सीधी में पेशाब कांडः घटना से व्यथित होकर जिला महामंत्री का इस्तीफ़ा, कहा कारण केवल एक ‘समानता का अभाव’


आदिवासी समाज के लोग व्यथित, स्थानीय विधायक पर गुंडागर्दी का आरोप


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राजनीति Updated On :

भोपाल। सीधी में भाजपा कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला के द्वारा आदिवासी नागरिक पर पेशाब करना समाज के लिए एक घिनौनी घटना थी। इसकी सभी ने एक सुर में आलोचना की और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो पीड़ित के पैर धोकर उससे माफी मांगी, लेकिन आदिवासी समाज शायद इस दुर्व्यवहार को अब तक नहीं भुला पाया है।

यही वजह है कि समाज से आने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी से भी नाराज़ हैं। इनमें से एक जिला पंचायत महामंत्री विवेक कोल ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे पार्टी में समानता का अभाव कारण बताया है।

विवेक कोल ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम अपना इस्तीफा लिखा। इसमें उन्होंने कई आरोप लगाए हैं।

इसके साथ ही शुक्रवार को उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के व्यक्ति के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है उससे वे और पूरा समाज व्यथित है।

 

कोल कहते हैं कि वे इतने परेशान हैं कि न सो पा रहे हैं न ही खाना खा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में केदार नाथ शुक्ला के साथ वे पार्टी में जब तक रहेंगे तब तक उनका दम घुटना रहेगा और इसीलिए वे अपने आदिवासी भाईयों की लड़ाई बिना किसी दबाव के खुलकर लड़ना चाहते हैं और अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।

विवेक कोल ने अपने इस्तीफे में लिखा कि, ” विधायक केदार शुक्ला ने हर तरफ अपने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए आतंक मचा रखा है, आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा कर आदिवासी भाइयों पर अत्याचार किया, सीधी के व्यापारी सुनील भुर्तिया का अपहरण कर जानलेवा हमला करवाया और बाद में अपराधी धर्मेन्द्र शुक्ला को मंडल अध्यक्ष बनवा दिया। इसके साथ ही सीधी के कलाकारों और पत्रकारों को नंगा करके थाने में पिटवाना तो चल ही रहा था कि अब इनके प्रतिनिधि ने आदिवासी समाज के एक भाई के चेहरे में पेशाब कर दिया।”

उन्होंने लिखा कि “मेरी बैचेनी बढ़ती ही जा रही है क्योंकि किसी भी मामले में आज तक प्रशासन ने एक भी कार्रवाई नहीं की है। इनके गुंडों के खिलाफ आज तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जब तक सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल भाजपा में रहेंगे तब तक मेरा यहां दम घुटता रहेगा, इसीलिए मैं आदिवासी भाइयों की लड़ाई बिना किसी दबाब के खुलकर लड़ना चाहता हूँ और पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूँ।”

स्थानीय लोगों के मुताबिक पार्टी में विवेक की अच्छी पूछ परख थी और सीएम शिवराज सिंह और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के भी वे करीबी थे, लेकिन बीते दिनों हुई घटना के बाद से उनकी नाराज़गी काफी अधिक थी। हालांकि वे स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला की नीतियों से खुश नहीं थे।

पार्टी के बड़े नेताओं के इतने करीबी होने के बावजूद कोल का यह कहना कि वे समानता के अभाव के कारण इस्तीफा दे रहे हैं यह चौंकाने वाला है। ऐसे में सीधे तौर पर पार्टी कार्यकर्ता ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनके यहां जातिगत भेदभाव होता है। सीधी में हुई घटना के बाद यह पार्टी को परेशान करने वाली बात है।



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