प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 8 वर्षः 40.82 करोड़ लोगों को मिला 23 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कहा है- मुद्रा योजना ने अनगिनत भारतीयों को अपने उद्यमिता का कौशल दिखाने और रोजगार प्रदाता बनने का अवसर प्रदान किया है।

उनकी इस बात में कोई दो राय नहीं है क्योंकि वास्तव में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 40 करोड़ 82 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।

केंद्र सरकार की इस योजना की मदद से मिले ऋण से देश में न जाने कितने छोटे-छोटे कारोबारियों के बड़े-बड़े सपने साकार हुए हैं।

21% नए उद्यमियों को स्वीकृत किया गया ऋण –

केवल इतना ही नहीं, कुल ऋण का करीब 21 प्रतिशत नए उद्यमियों को स्वीकृत किया गया है। इस प्रकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना द्वारा देशवासी न्यू इंडिया में आत्मनिर्भरता की ओर निरंतर नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से देश के छोटे-छोटे कारोबारियों के बड़े-बड़े सपने साकार हो रहे हैं।

साल 2015 में शुरू की गई थी ये योजना –

यह हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 8 वर्ष पूरे हो चुके हैं। ज्ञात हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में आय-सृजन गतिविधियों के लिए गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि छोटे और सूक्ष्म-उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक के गारंटी रहित आसान ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की थी।

सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण की प्रक्रिया को किया आसान –

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, इस योजना ने सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण की आसान और परेशानी मुक्त पहुंच को सक्षम किया है और बड़ी संख्या में युवा उद्यमियों को अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद की है।

मुद्रा योजना के तहत 70% महिलाओं के खाते –

इस योजना के तहत करीब 70 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के हैं और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। स्पष्ट है कि इस योजना के 8 साल बेमिसाल रहे हैं जिसमें सभी के समृद्ध भविष्य की ओर पहल की गई और महिलाओं और वंचितों का अभूतपूर्व समर्थन किया गया।

बड़े पैमाने पर मिले रोजगार के अवसर –

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।

हर 5 सेकंड में 5 लाख का ऋण –

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत औसतन हर 5 सेकंड में 5 लाख का ऋण पीएम मुद्रा योजना द्वारा देशवासियों के सपनों को उड़ान देने के लिए प्रदान किया गया। हर साल करीब 2.87 लाख करोड़ का ऋण योजना के तहत दिया गया।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में –

आय सृजन गतिविधियों के निर्माण में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का विशेष योगदान है। इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी। योजना के तहत देश के लोगों को खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिकतम 10 लाख तक का लोन दिया जा रहा है।

अगर कोई भी व्यक्ति अपने कारोबार को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो वह भी लोन ले सकते हैं। लोगों को इस योजना के अंतर्गत लोन लेने के लिए एक मुद्रा कार्ड जारी किया जाता है।

सरकार द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिए पीएम मुद्रा लोन के अंतर्गत एक वार्षिक लक्ष्य आवंटित किया जाता है।

ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं। इनमें से किसी भी ऋणदाता संस्थान से संपर्क कर या इस पोर्टल www.udyamimitra.in के माध्यम से ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के में उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

योजना के तहत 3 प्रकार के लोन –

मुद्रा योजना की सबसे अहम बात है कि इसमें बिना किसी गारंटी कारोबार की शुरुआत करने के लिए लोन दिया जाता है। इस योजना के तहत तीन प्रकार का लोन शिशु, किशोर और तरुण में दिए जाते हैं।

  • शिशु: 50,000 रुपये तक के ऋण।
  • किशोर: 50,000 रुपये से अधिक और रु. 5 लाख रुपये से कम के ऋण।
  • तरुण: 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण।

मुद्रा लोन लेने के लिए आवेदक को बैंकों या लोन संस्थाओं को कोई सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है। इस लोन का भुगतान 5 साल तक किया जा सकता है।

जानिए किन क्षेत्रों में ले सकते हैं मुद्रा लोन –

मुद्रा योजना के माध्यम से किसान या उद्यमी विनिर्माण, कृषि आदि से संबंधित क्षेत्रों के माध्यम से आय अर्जित करने के लिए लोन ले सकते हैं। इस योजना के तहत टर्म लोन और कार्यशील पूंजी दोनों के लिए ऋण दिया जाता है।

इसके तहत मुर्गी पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन, कृषि सहित विनिर्माण व्यापार और सेवा क्षेत्रों में लोन दिए जाते हैं। साथ ही इस योजना के अंतर्गत कमर्शियल वाहन जैसे ट्रैक्टर, ऑटो रिक्शा, ट्रॉली, माल परिवहन वाहन, तीन पहिया वाहन, ई-रिक्शा खरीदने के लिए लोन लिया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि इस योजना ने विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए एक कुशल वातावरण बनाने में मदद की है और जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किए है।

हालांकि नई पीढ़ी के आकांक्षी युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, यह सुनिश्चित किया जाता है कि शिशु श्रेणी के ऋणों को प्राथमिकता दी जाए और इसके बाद किशोर तथा तरुण श्रेणियों के ऋणों पर ध्यान दिया जाए।



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