होली आई रे… 17 मार्च को यह होंगे विशेष मुहूर्त, बन रहे हैं खास योग


उज्जैन में फाल्गुन पूर्णिमा पर 17 मार्च को होलिका का पूजन होगा। शास्त्रीय मान्यता में होली पूजन के लिए प्रदोष काल सर्वश्रेष्ठ है। इस बार होली बुध-गुरु आदित्य योग की साक्षी में आ रही है। प्रदोष काल में पाताल वासिनी भद्रा भी रहेगी।  


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सितारों की बात Updated On :

इंदौर। मौसम में फाग का रंग शुरु हो चुका है। इस बार होलिका दहन 17 मार्च को किया जाएगा। इस पर्व को होली, लक्ष्मी जयंती, फाल्गुन पूर्णिमा, फाल्गुनी उत्तरा पर्व भी कहा जाता है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कई साल बाद भद्राकाल के पुच्छ में रात 8:45 से रात 9:57 तक रहेगा।

इसके साथ ही इस साल होलिका दहन पर तीन विशेष योग दग्ध, अमरत्व और गद योग बनने जा रहे हैं। होली का यह त्यौहार सनातन संस्कृति में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसके साथ ही यह आपसी मतभेद भूलकर शत्रु तक को स्वीकारने का संदेश देता है।

ज्‍योतिषी मान्यताओं के अनुसार होली की अग्नि में अपनी सभी शारीरिक, मानसिक व्याधि, किसी प्रकार की सफलता में रुकावट, आर्थिक कष्ट, बला एवं सभी बाधाओं का नाश करने के लिए एक सरल एवं प्रभावकारी उपाय है जिसे कोई भी आसानी से कम खर्च में करके अपनी सभी बाधाओं को होली की अग्नि में भस्म कर दिया जाता है।

रंगों का ये त्योहार लोगों को दुश्मनी भुलाकर गले लगाने की ओर प्रेरित करता है। होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंग खेला जाता है। इस बार होली 17 मार्च के दिन मनाई जाएगी और रंग 18 मार्च को खेला जाएगा।

वहीं उज्जैन में फाल्गुन पूर्णिमा पर 17 मार्च को होलिका का पूजन होगा। शास्त्रीय मान्यता में होली पूजन के लिए प्रदोष काल सर्वश्रेष्ठ है। इस बार होली बुध-गुरु आदित्य योग की साक्षी में आ रही है। प्रदोष काल में पाताल वासिनी भद्रा भी रहेगी।