30 मई सोमवार को मनाई जाएगी शनि जयंती, इन राशि वालों को मिलेगा खास फल


इस बार शनिदेव शनि जयंती पर अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान है। शनि जयंती पर ग्रहों का यह संयोग करीब 30 साल के बाद बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है और वट सावित्री व्रत, सोमवती अमावस्या भी इसी दिन है।


DeshGaon
सितारों की बात Published On :
shani jayanti

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है क्योंकि इसी दिन शनिदेव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाते हैं।

इस साल शनि जयंती 30 मई 2022 सोमवार को आ रही है। शनि जयंती का शुभ मुहूर्त 29 मई को दोपहर 02:54 से प्रारंभ होकर 30 मई को शाम 04:59 पर समाप्त होगा।

30 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग – 

इस बार शनिदेव शनि जयंती पर अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान है। शनि जयंती पर ग्रहों का यह संयोग करीब 30 साल के बाद बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है और वट सावित्री व्रत, सोमवती अमावस्या भी इसी दिन है।

शनिदेव को न्याय का देवता व कर्मफल दाता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से ही फल देते हैं। शनिदेव जब किसी से नाराज होते है तो वे उसे कठोर दंड देते हैं और साथ ही जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा होती है वे उसे रंक से राजा बना देते हैं।

शनि जयंती को शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही खास माना गया है। मान्यता है कि शनि जयंती के दिन किए गए पूजा-पाठ और उपायों से शनिदेव शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं।

कर्क, कुंभ, मकर, मीन और वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि जयंती होगी खास – 

कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर फिलहाल शनि की ढैय्या चल रही है। कुंभ, मकर और मीन राशि वालों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ऐसे में इन 5 राशि वालों के लिए यह शनि जयंती बहुत ही खास होने वाली है।

शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वाले लोग अगर सच्चे मन से शनिदेव की अराधना करते हैं तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी। साथ ही इस दिन शनिदेव की पूजा करने वाले व्यक्ति पर शनिदेव की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है।

ऐसे करें पूजा-पाठ तो प्रसन्न होंगे शनिदेव – 

शनि जयंती के दिन भगवान शिव का काले तिल में मिले हुए जल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है। शनि जयंती के दिन शनिदेव को अपराजिता के फूलों की माला चढ़ाना चाहिए। इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन गरीब व जरुरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए। शनिदोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।