SMART-PDS से पारदर्शी होगी खाद्यान्न वितरण व्यवस्था, जनता को मिलेगी ये सुविधा

DeshGaon
बड़ी बात Published On :
smart pds food distribution system transparent

नई दिल्ली। देश में खाद्यान्न आपूर्ति प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठकें आयोजित करती रहती है।

इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्मार्ट-पीडीएस एक तकनीकी संचालित पहल है और समय की आवश्यकता है, इसलिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्मार्ट-पीडीएस को जल्द से जल्द लागू करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मानवीय हस्तक्षेप को कम करने और मौजूदा प्रक्रियाओं में स्वचालन को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न की मुफ्त आपूर्ति श्रृंखला के लिए पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण होनी चाहिए। उन्होंने आंध्र प्रदेश कमान नियंत्रण की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने के लिए मिलकर काम करेगी।

ऑटोमेशन से नागरिकों को मिलेगी सहूलियत –

किसान के खाते में पैसे के सीधे हस्तांतरण के साथ निर्बाध खरीद, परिवहन की न्यूनतम लागत और मानव हस्तक्षेप मुक्त और खाद्यान्न का त्वरित विश्लेषण बहुत जल्द खाद्य सुरक्षा प्रबंधन के पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऑटो ग्रेन एनालाइजर धान, चावल, गेहूं, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज के लिए उच्च सटीकता के साथ एक मिनट में परिणामों को प्रोसेस करने में सक्षम है।

इसे आईसीएआर-सीफेट, लुधियाना द्वारा प्रमाणित किया गया है। इसमें मानवीय हस्तक्षेप/त्रुटि/पूर्वाग्रह को कम करना शामिल है और प्रत्येक अनाज का डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य परिणाम देकर समय की बचत होती है।

स्मार्ट पीडीएस से आएगा बदलाव –

सम्मेलन में प्रवासी लाभार्थियों को खाद्यान्न की निर्बाध डिलीवरी के लिए स्मार्ट पीडीएस और वन नेशन वन राशन कार्ड से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

खाद्यान्न की खरीद, भंडारण, गुणवत्ता और वितरण पर वास्तविक समय डेटा के लिए आंध्र प्रदेश द्वारा कमांड कंट्रोल सेंटर के सर्वोत्तम अभ्यास पर भी चर्चा की गई, जिसके लिए सभी राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे अपने सिस्टम को प्रभावी और कुशल बनाने के तरीकों को सीखें और अपनाएं।

ऑनलाइन खरीद संचालन पर हुई गहन चर्चा –

सम्मेलन में खाद्यान्न की खरीद करने वाले राज्यों द्वारा खाते को अंतिम रूप देने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई ताकि सभी लंबित भुगतानों का समयबद्ध तरीके से निपटारा किया जा सके।

इसके अलावा, ऑनलाइन खरीद संचालन के लिए अतिरिक्त न्यूनतम सीमा मापदंडों का कार्यान्वयन, अर्थात बिजली की खपत के साथ मिल्ड चावल की मात्रा का सत्यापन और खाद्यान्न के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों की ट्रैकिंग पर भी चर्चा की गई।

खाद्यान्न भंडारण को लेकर सरकार प्रतिबद्ध –

भंडारण के मोर्चे पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) अपने गोदामों को 5 स्टार रेटेड गोदामों में अपग्रेड कर रहा है और राज्य सरकारें भी अपने गोदामों को अपग्रेड कर सकती हैं। राज्य सरकारों के लम्बित दावों के निस्तारण के संबंध में उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है और शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।

उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि सम्मेलन में उपस्थित सभी लोग गरीबों की सेवा कर रहे हैं और इसलिए हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए ताकि गरीबों को उनके हक का अनाज समय पर मिल सके।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मिला मंच –

यह सम्मेलन खाद्य और सार्वजनिक वितरण के क्षेत्र में प्रगति और विकास की नई भावना लाने का मार्ग प्रशस्त करता है। सम्मेलन ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनके मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान किया और उनके सामने आने वाली समस्याओं के व्यवहार्य समाधान प्रदान करने में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया।

इसने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और इस प्रकार दूसरों को एक प्रगतिशील और इनोवेटिव मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रेरित किया।



Related