ऊर्जा मंत्री का निर्देश- सुनिश्चित करें कि गर्मियों के मौसम में लोगों को बिजली कटौती का सामना ना करना पड़े


केंद्रीय मंत्री ने सभी स्टेकहोल्डरों से हालात पर करीब से नजर बनाये रखने और आने वाले महीनों में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पहले से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।


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power cut in summer

नई दिल्ली। गर्मी का मौसम आने से पहले ही देश के कई इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है। गर्मी बढ़ने के कारण बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी होगी इसी के चलते आने वाले महीनों में बिजली कटौती की आंशका जताई जा रही है।

ऐसे में लोगों को राहत दिलाने और बिजली कटौती को रोकने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बिजली कंपनियों सहित सभी विद्युत सेक्टर, कोयला और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक बैठक की।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बैठक में शामिल हितधारकों से हर हाल में ये सुनिश्चित करने को कहा है कि गर्मियों के मौसम में बिजली कटौती का लोगों को सामना ना करना पड़े।

इस बैठक में उन्होंने आने वाले गर्मी के मौसम खासतौर से अप्रैल और मई में देश में बिजली उत्पादन और सप्लाई के हालात को लेकर समीक्षा की।

केंद्रीय मंत्री ने सभी स्टेकहोल्डरों से हालात पर करीब से नजर बनाये रखने और आने वाले महीनों में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पहले से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

कोयला आधारित बिजली संयंत्र पूरी क्षमता से करेंगे काम –

बिजली की मांग को पूरा करने के लिए विद्युत संस्थानों को निर्देश दिया गया कि कोयला आधारित बिजली संयंत्रों का रखरखाव पहले से कर लिया जाये जिससे बिजली के तंगी वाले समय में रखरखाव की जरूरत न पड़े।

सभी आयातित कोयला आधारित संयंत्रों को निर्देश दिया गया है कि वे इसी महीने 16 मार्च से पूरी क्षमता से काम चालू कर दें। कोयला आधारित संयंत्रों में कोयले का समुचित भंडार उपलब्ध कराया जायेगा।

रेलवे बोर्ड की सदस्य ने आश्वस्त किया कि रेल विभाग कोयले के परिवहन के लिये पर्याप्त रेक उपलब्ध करायेगा। इतना ही नहीं रेल विभाग समय आने पर रेकों की संख्या भी बढ़ायेगा, ताकि बिजली संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखा जा सके।

गैस-आधारित बिजली संयंत्रों का इस्तेमाल भी होगा –

गर्मी के महीने में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये गैस-आधारित बिजली संयंत्रों का इस्तेमाल किया जायेगा।

मंत्रालय ने एनटीपीसी को निर्देश दिया कि वह अप्रैल-मई के तंगी वाले समय में अपने 5,000 मेगावॉट वाले गैस-आधारित बिजली संयंत्र चालू करे।

इसके अलावा अन्य संस्थान भी 4,000 मेगावॉट की अतिरिक्त गैस-आधारित बिजली क्षमता का इस्तेमाल करेंगे। जिससे गर्मियों के मौसम के दौरान बिजली की किल्लत न हो। इन संयंत्रों को भी इसी महीने चालू कर दिया जायेगा।

गर्मियों के महीनों में न हो लोडशेडिंग –

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आकलन के अनुसार बिजली की सर्वाधिक मांग अप्रैल 2023 में 229 गेगावॉट तक पहुंच जायेगी। इस समय देश में बिजली की सर्वाधिक मांग होती है।

बैठक के दौरान केंद्रीय विद्युत मंत्री ने बिजली कंपनियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि गर्मियों के महीनों में लोड-शेडिंग न हो।

उल्लेखनीय है कि सकल घरेलू उत्पाद की दर लगभग 7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही है, जिसके मद्देनजर देश में बिजली की मांग 10 प्रतिशत वार्षिक के हिसाब से बढ़ रही है।

अनुमान के अनुसार, अप्रैल 2023 के दौरान बिजली की मांग 1,42,097 एमयू होने की उम्मीद है, जो सर्वाधिक होगी तथा मई में यह घटकर 1,41,464 एमयू हो जाने की संभावना है। लगातार घटते हुये यह मांग नवंबर के दौरान 1,17,049 एमयू तक पहुंच जायेगी।



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