भर्ती सत्याग्रह की अब भोपाल यात्रा: सीएम की घोषणा पर नहीं भरोसा, मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन


कोचिंग संस्थानों ने रविवार को नहीं दी छुट्टी, बॉक्सर विजेंदर सिंह और अभिनेता सुशांत सिंह भी नहीं पहुंचे लेकिन फिर भी दमदार रहा बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन, पैदल ही भोपाल रवाना हुआ कारवां


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उनकी बात Published On :

इंदौर। सरकारी नौकरियों की बहाली की मांग को लेकर इंदौर में प्रदर्शन कर रहे शिक्षित बेरोजगार युवाओं के भर्ती सत्याग्रह का दूसरा चरण गांधी जयंती से शुरू हुआ। रविवार को अपनी मांगों के लिए सरकार पर नैतिक दबाव बना रहे इन युवाओं ने भोपाल तक पैदल मार्च शुरू किया। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहे।

विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाली संस्था राष्ट्रीय शिक्षित बेरोजगार संघ की ओर से पहले कहा गया था कि उनके प्रदर्शन को फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह और बॉक्सर विजेंदर सिंह भी अपना समर्थन दे रहे हैं, रविवार को इन हस्तियों के यहां पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

भंवर कुआं स्थित प्रदर्शन स्थल पर सुबह कम संख्या में युवा पहुंचे लेकिन इसके बाद लगातार भीड़ बढ़ती रही। वहीं यहां काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा। जिनके कर्मचारी यहां की गतिविधियों की जानकारी लगातार उच्च अधिकारियों तक पहुंचा रहे थे।

रविवार सुबह से ही यहां पहुंच रहे लोगों में भर्ती परीक्षा में पास हो कर नौकरी का इंतजार करने वाली महिलाओं और पुरुषों की भी अच्छी संख्या रही। इस आंदोलन को कई अन्य सामाजिक संस्थाओं ने भी अपना समर्थन दिया है।

आंदोलन के नेता राधे जाट ने बताया कि भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौकरियों की घोषणा कर दी हो लेकिन यह काफी नहीं है। जाट के मुताबिक सरकार ने जो आदेश निकाला है उसमें काफी कुछ अभी भी साफ नहीं है वहीं लगातार बढ़ रहे बेरोजगारों की संख्या के आगे एक लाख पद भी बहुत कम हैं ऐसे में इनकी संख्या लगातार बढ़ानी होगी और रिटायरमेंट संबंधी मांगे पूरी करनी होंगी।

आंदोलन के एक दूसरे नेता गोविंद रोहिला ने बताया कि 9 अक्टूबर को भोपाल में प्रदेश भर से बेरोजगार युवा जुट रहे हैं इसके अलावा दूसरे जिलों से भी कई युवा पैदल भोपाल के लिए रवाना होने की की तैयारी कर रहे हैं। गोविंद के मुताबिक बेरोजगार युवाओं का यह कारवां रोजाना 20 किलोमीटर तय करेगा। इस दौरान होने वाले खर्च के लिए युवाओं ने आपस में चंदा जुटाया है।

रविवार सुबह भोपाल जाने के लिए जब तैयारी हो रही थी उस समय बेहद कम युवा मौके पर मौजूद रहे इसकी वजह कोचिंग संस्थानों द्वारा रविवार की छुट्टी ना रखा जाना बताया गया। आंदोलन के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों से छुट्टी ना करने के लिए कहा था। बीते रविवार को इन युवाओं ने इसी तरह प्रदर्शन किया था और उस समय इंदौर की सड़कों पर दस हजार से अधिक युवा पैदल मार्च करते हुए नजर आए थे।

वही बॉक्सर विजेंद्र सिंह और अभिनेता सुशांत सिंह कि ना आने की वजह भी सरकारी दबाव को ही बताया गया। आंदोलन के नेताओं ने कहा कि विजेंद्र सिंह पर हरियाणा पुलिस का दबाव था कि वे मध्यप्रदेश में इन बेरोजगार युवाओं का इंदौर जाकर समर्थन ना करें।

 

 



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