मनरेगा के लिए महीने भर से जारी है प्रदर्शन, केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों के खिलाफ़ हैं मजदूर


जंतर मंतर पर हो रहा है प्रदर्शन, मजदूरों ने जताई सरकार के निर्णय़ों पर असहमति


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उनकी बात Published On :

नई दिल्ली। मनरेगा के मजदूर पिछले एक महीने से जंतर मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन ग्रामीण भारत को तय रोजगार देने वाली सबसे लोकप्रिय योजना को लगातार कमजोर किए जाने के विरोध में है जो  कि सौ दिनों तक चलेगा। केंद्र सरकार मनरेगा का बजट लगातार घटा रही है। अर्थशास्त्रियों और जानकारों के मुताबिक  केंद्र सरकार ने मनरेगा पर तीन ओर से हमला किया है।

केंद्र सरकार ने पिछले कुछ समय में मनरेगा में कुछ बदलाव किए हैं। इनमें पहला बदलाव बजट की कटौती का है और अब इस योजना के तहत बजट केवल साठ हजार करोड़ रुपये है। सरकार ने मनरेगा का बजट एक तिहाई तक कम कर दिया है। वहीं दूसरा बदलाव मोबाइल ऐप आधारित उपस्थिति (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) प्रक्रिया को लागू किया जाना है वहीं तीसरा बदलाव श्रमिकों के आधार नंबर के अनुसार श्रम के भुगतान को अनिवार्य बनाना है। बताया गया है कि बाकी दो बदलाव मनरेगा के क्रियान्वयन को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए हैं।

मनरेगा के तहत काम पर जाने वाले श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करने वाली प्रणाली यानी नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) लागू  किए जाने को लेकर श्रमिकों में नाराजगी है। मजदूरों के मुताबिक ऐसे में उन्हें काम खोजने और आधार के कारण भुगतान लेने में परेशानी हो रही है।

पिछले एक महीने से यह प्रदर्शन जारी है। इस पर केंद्र सरकार का भी ध्यान गया और ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने भी इसे लेकर मजदूर नेताओं से बात की है लेकिन इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकला है।

इस धरना प्रदर्शन में बैठे मनरेगा के मजदूरों ने कहा कि मजदूरी मिलने में काफी समय लगता है। राज्यों में लाखों बिल पेंडिंग हैं और इसे लेकर राज्य सरकारें भी चिंतित नहीं हैं।

मनरेगा संघर्ष मोर्चा अपने इस प्रदर्शन को लेकर रोज की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा करता है। रविवार को एक ट्वीट में नरेगा संघर्ष मोर्चा ने कहा, ‘31वां दिन। लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं। नरेगा मजदूरों का 100 दिन विरोध जिंदाबाद. विरोध का एक महीना, लोकतांत्रिक अधिकारों को बचाने की लड़ाई का एक महीना। ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली वापस लें, आधार आधारित भुगतान प्रणाली बंद करें। चोरी बंद करो, देरी बंद करो।’

मनरेगा या नरेगा जिसे राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून के नाम से भी जाना जाता है। इसे साल 2005 में लागू किया गया था। एक कानून जो साल में सौ दिनों तक रोजगार की गारंटी देता है। इसके तहत अगर सरकार रोजगार देने में नाकाम होती है तो आवेदक को बेरोज़गारी भत्ता दिया जाएगा। मनरेगा किस हद तक ग्रामीणों को रोजगार देता है इशका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में इसके तहत 15 करोड़ से ज्यादा सक्रिय मजदूर हैं।



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