धरना दिया भूख हड़ताल के बाद भी नहीं पिघली सरकार, अब अभ्यर्थी कर रहे सद्बु्द्धि की प्रार्थना


क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं अभ्यर्थी, सीएम शिवराज से फिर मिला है आश्वासन


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उनकी बात Published On :
धरना स्थल पर अब हो रहा धार्मिक कार्यक्रम


भोपाल। प्रदेश में बेरोजगारी से परेशान युवा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वर्ग एक और दो के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा पास 8 मई से भोपाल के डीपीआई कार्यालय के सामने धरना जारी है। इस बीच इन्होंने करीब 12 दिन की भूख हड़ताल भी की लेकिन सरकार या अधिकारी नहीं पिघले। अभ्यर्थी बताते हैं कि धरना लगातार देते रहे लेकिन अब तक उनसे मिलने कोई नहीं आया। हारकर ये अभ्यर्थी खुद ही मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश में लग गए और उन्हें शनिवार को भाजपा कार्यालय में मिलने का मौका भी मिल गया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है लेकिन इन्हें विश्वास नहीं, कहते हैं रोस्टर जारी होगा तो कोई भरोसा बनेगा। वहीं अब ये अभ्यर्थी सरकार की सद्बुद्धी चाहते हैं और भागवत कथा करने जा रहे हैं। इन्हीं में से एक बेरोजगार इसके जानकार हैं।

महिला अभ्यर्थी यहां पोस्टर लेकर बैठीं हैं जो कहते हैं कि नहीं चाहिए एक हजार, हमको दे दो रोजगार ज़ाहिर है ये लोग मुख्यमंत्री की मुफ्त में पैसा देने वाली योजनाओं की बजाए रोज़गार चाहते हैं। यहां एक अभ्यर्थी बताती हैं कि पिछले दिनों शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने 51 हजार पद की मांग को खारिज कर दिया है क्योंकि इतने अधिक शिक्षकों के पद नहीं हैं। वहीं वर्ग एक और दो के शिक्षकों के लिए करीब आठ हजार के आसपास पद हैं। रक्षा जैन बताती हैं कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के पहले चरण के बाद 5935 पद व ईडब्ल्यूएस(आर्थिक पिछड़ा वर्ग) के 848 पद खाली हैं और माध्यमिक शिक्षकों के कुल 2233 पद खाली हैं। ऐसे में वर्ग एक और दो के लिए उनकी मांग के अनुसार पर्याप्त पद हैं जिन्हें सरकार दे सकती है। जिन्हें उनकी योग्यता के आधार पर भरा जा सकता है।

अभ्यर्थी बताते हैं कि वे अपनी मांगों को लेकर वे धरना तो कर ही रहे हैं भूख हड़ताल भी की है और अब क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं और अब तक कोई नेता-अधिकारी उनकी ओर देखने वाला नहीं था। ऐसे में वे अब अपनी बात भगवान को बताएंगे। यहां संस्कृत विषय के एक अभ्यर्थी देवेंद्र कुमार शास्त्री भागवत पाठ करवा रहे हैं और अर्थशास्त्र विषय के अभ्यर्थी करण सिंह राजपूत यजमान बने हुए हैं। इस कथा में रचना व्यास ,रक्षा जैन, संगीता सिंह, सुशांत जोशी,अमित जाट और  सोबरन चौधरी धरना स्थल पर ही कथा में यजमान बनकर बैठे हैं।



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