भोपाल में वर्ग तीन के अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन, ली भाजपा को वोट न देने की कसम


युवा भाजपा को वोट न देने की कसमें तक खा रहे, 11 साल बाद मिला है नौकरी का मौका लेकिन बेरोजगारों की संख्या के मुकाबले काफी कम है भर्ती


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। शिक्षक भर्ती में तीसरे वर्ग के लिए पदों में बढ़ोत्तरी के लिए शुक्रवार को भोपाल में आंदोलन हो रहा है। शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी सभी जिलों से पहुंचे हैं और लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों की मांग है कि शिक्षण भर्ती में वर्ग तीन में पद संख्या में बढ़ोत्तरी की जाए। इन अभ्यर्थियों ने 51000 पद की मांग की है। संचालनालय के बाहर हो रहे इस प्रदर्शन में सरकार और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी नारेबाज़ी हो रही है। इस बीच कुछ अधिकारी मिलने के लिए आए लेकिन अभ्यर्थियों ने वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की ज़िद की।

 

पिछले कुछ महीनों में मध्यप्रदेश में रोजगार के लिए यह चौथा प्रदर्शन हो रहा है। वर्ग तीन की भर्ती परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों ने आपस में जुड़कर भोपाल में इस प्रदर्शन की योजना बनाई। भोपाल पहुंचे अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्याद नहीं है लेकिन यह अभ्यर्थी सभी जिलों से यहां पहुंचे हैं। इस आंदोलन को नेशनल एज्युकेटेड यूथ  यूनियन का भी साथ मिला है। इस संगठन ने इंदौर में भर्ती सत्याग्रह किया था और इंदौर से भोपाल तक पैदल मार्च किया था।

वर्ग तीन की परीक्षा पास कर चुके इन अभ्यर्थियों की मांग है कि वर्ग तीन में पद वृद्धि की जाए। दरअसल,  प्रदेश में 1.94 लाख अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा पास की है और इनमें से कुल 10308 को ही नौकरी मिलने जा रही है।  सरकार ने फिलहाल केवल 18 हजार पद ही निकाले हैं और इसमें से 8219 पद पर बैकलॉग की भर्ती हो रही है और इस तरह 10308 पद पर ही नई भर्ती हो रही है। ऐसे में यह संख्या परीक्षा पास कर चुके करीब दो लाख बेरोजगारों की ज़रूरत के आगे बेहद कम है और इसी के चलते वे सरकार से जवाब मांग रहे हैं।

शिक्षक भर्तीः अभ्यर्थियों की चेतावनी पद वृद्धि हो नहीं तो भाजपा को वोट भी नहीं और हम करेंगे आत्महत्या

नौकरी की राह देख रहे इन युवाओं ने इस बार सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ काम करने की भी धमकी दी है। युवाओं ने कहा है कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है और सरकार केवल अपने इवेंट मैनेजमेंट को देखती है। पिछले दिनों कई युवाओं ने पद वृद्धि न किए जाने पर आत्महत्या तक की चेतावनी दी थी। इसके अलावा इन युवाओं ने सामुहिक तौर पर भाजपा को वोट न देने की भी कसमें खाईं हैं।

बेरोजगारी के इस मुद्दे पर पिछले दिनों विधानसभा में भी कांग्रेसी नेताओं ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी। इससे पहले इंदौर में एनईवाईयू संगठन ने राहुल गांधी के प्रतिनिधि मंडल के नेताओं को भी अपनी बेरोजगार महापंचायत नाम के एक कार्यक्रम में बुलाकर इस मुद्दे को उठाने की गुजारिश की थी। शिक्षक भर्ती के पद बढ़ाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।

 



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