एमपी में बेरोजगारी: अब 51000 शिक्षकों की भर्ती के लिए भोपाल में बड़े प्रदर्शन की तैयारी


प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मांग लगातार जारी है और अब छोटे छोटे जिलों से यह विरोध भोपाल जाने की तैयारी कर रहा है।


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उनकी बात Published On :

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती को लेकर शिक्षित युवा बेरोजगारों के निशाने पर है। आने वाले दिनों में इसे लेकर एक बार फिर आंदोलन हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो बेरोजगारी के लिए किया गया इस वर्ष में यह चौथा बड़ा प्रदर्शन होगा। ज़ाहिर है ऐसे में सरकार की छवि युवा विरोधी और रोजगार देने में असफल नजर आने वाली है और यह सब चुनावों के ठीक पहले हो रहा है।

इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इन अभ्यर्थियों का पक्ष उठाया है और हालही में सरकार को इनकी मांगे पूरी करने की अपील के साथ एक पत्र भी लिखा है।

इंदौर में भर्ती सत्याग्रह, भोपाल तक पदयात्रा, भोपाल में युवा बेरोजगारों का बड़ा प्रदर्शन और फिर में इंदौर में बेरोजगार महापंचायत के बाद अब एक बार फिर बेरोजगार युवा सड़कों पर आ सकते हैं। बेरोजगारों को एकजुट करने वाले संगठन NEYU ने इसके तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार सड़कों पर आने की तैयारी एमपी टीईटी यानी प्राथमिक शिक्षक की भर्ती परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों की है।

यह अभ्यर्थी पिछले काफी समय से सरकार से पद वृद्धि की मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी मांग अब तक अनसुनी ही रही है। जिसके बाद उन्होंने कई सरकारी कार्यालयों में जाकर भाजपा को वोट ना देने की कसमें तक खाईं लेकिन इसके बाद भी सरकार और भाजपा पर कोई असर नहीं हुआ।

इसके बाद यह सोशल मीडिया पर लगातार प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज को उनके वादे याद दिला रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि सरकार ने अगर उनकी मांग नहीं मानी तो वे आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी अहमियत दिखाएंगे।

अब भर्ती सत्याग्रह करने वाले संगठन NEYU के सदस्य इन अभ्यर्थियों को एकजुट होने के लिए कह रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में दस हजार से अधिक अभ्यर्थी भोपाल जाएंगे और अपनी मांग शांतिपूर्ण तरीके से दोहरायेंगे।

प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए 18 हजार पद निकाले गए थे इनमें से करीब 4हजार पद अतिथि शिक्षकों को दे दिए गए और करीब 11 हजार पद एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए करीब दस हजार पद हैं ऐसे में बाकी पद एससी, ओबीसी, जनरल वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए बेहद ही कम अवसर मिल रहे हैं।

इनमें से एक अभ्यर्थी प्रमोद गुसाईं ने बताया कि सरकार आने वाले चुनावों को देखते हुए कुछ चुनिंदा जिलों में एसटी वर्ग के पदों को भर रही है लेकिन इस दौरान बाकी वर्ग के अभ्यर्थियों को मौके नहीं मिल रहे हैं। जबकि होना यह चाहिए था कि सरकार बड़ी संख्या में पद निकालती और सभी को एक साथ मौका देती। वे कहते हैं कि मुख्यमंत्री 2018 में ही 62000 पदों पर भर्ती की घोषणा कर चुके थे इस लिहाज से सभी वर्गों के लिए बेरोजगारों की संख्या को संतुलित कर सकने वाले पद दिए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार खुद यह स्पष्ट कर चुकी है कि मध्यप्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के करीब एक लाख पद रिक्त हैं।

यही वजह है कि अभ्यर्थी सरकार से 51000 पदों पर भर्ती के लिए मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि मध्य प्रदेश में एमपी टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या काफी अधिक है ऐसे में उन्हें पर्याप्त मौके देने के लिए 51 हजार पदों की मांग की जा रही है।

 



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