धार सीट पर कांग्रेस की जीत की उम्मीद लेकिन विधायकों और नेता प्रतिपक्ष की उदासीनता बनी संकट


धार में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के न दिखाई देने से निराश हैं कार्यकर्ता


आशीष यादव आशीष यादव
लोकसभा चुनाव 2024 Published On :

आदिवासी बहुल सीट धार में लोकसभा चुनावों को लेकर कोई बहुत हलचल दिखाई नहीं दे रही है। यह सीट उन चुनिंदा सीटों में शामिल है जहां कांग्रेस की जीत की संभावनाएं दिखाई दे रहीं हैं। यहां चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में राधेश्याम मुवेल हैं और फिलहाल वे अकेले दिखाई दे रहे हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी अपनी सभाओं में बिना किसी बड़े नेता के पहुंच रहे हैं। हालांकि इसी जिले से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी आते हैं लेकिन वे फिलहाल धार में प्रचार करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं जबकि मुवेल उनके करीबी हैं। ऐसे में कुछ दिनों पहले चर्चा यह भी थी कि मुवेल का टिकिट बदलने वाला है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मुवेल के सामने इसी सीट से पूर्व सांसद रहीं सावित्री ठाकुर हैं। क्षेत्र की जनता ठाकुर का सांसद के रूप में रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे में मुवेल के जीतने की संभावनाएं ज्यादा हो सकती हैं लेकिन फिलहाल मुवेल का प्रचार जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है और भाजपा ने अपनी पूरी मशीनरी सावित्री ठाकुर को जिताने के लिए लगा दी है।

मुवेल के जीतने की संभावना इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि विधानसभा चुनावों में जहां पूरे प्रदेश में कांग्रेस साफ हो गई थी वहीं धार जिले के नक्शे पर मौजूद सात विधानसभाओं में से कांग्रेस ने पांच जीत ली थीं ऐसे में पार्टी के लिए काम करने वाले पांच विधायक पहले से मौजूद हैं लेकिन बची हुई दो सीटों के अलावा इंदौर जिले की सीट महू पर भाजपा मजबूत है।

कांग्रेस संगठन ने गंधवानी विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। सिंघार अब कांग्रेस के बड़े नेता हो गए हैं और जिले में उनके अलावा दूसरा बड़ा आदिवासी नेता नहीं है। सिंघार धार लोकसभा सीट के प्रभारी हैं। मुवेल के टिकट को लगभग एक महीना हो चुका है और अब वे नामांकन भी दाखिल करने वाले हैं लेकिन उमंग सिंघार उनके चुनाव प्रचार और प्रबंधन से गायब हैं खुद कांग्रेसी विधायक और नेता-कार्यकर्ता भी अपने नेता के इस रवैये से प रेशान हैं। ऐसे में कांग्रेस के अंदर गुटबाजी की खबरें भी आ रहीं हैं। हालांकि मुवेल इस बात को नकार रहे हैं। वे कहते हैं कि उनके चुनाव का पूरा संचालन ही उमंग सिंघार कर रहे हैं लेकिन उनके उपर पूरे प्रदेश का प्रभार है ऐसे में वे केवल धार पर ध्यान नहीं दे सकते हैं।



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