लोकसभा चुनाव 2024ः कांग्रेस में फिर टूट, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद सहित दो पूर्व विधायक ने थामा भाजपा का हाथ


– सुरेश पचौरी और राजूखेड़ी अपने घटते वर्चस्व से परेशान थे।
– संजय शुक्ला पर 140 करोड़ की रिकवरी थी।
– कमलनाथ के करीबी विशाल पटेल को अपने लिए अब कोई खास उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।


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लोकसभा चुनाव 2024 Updated On :

लोकसभा चुनाव होने से पहले मप्र में कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा नुकसान हुआ है। इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, धार महू लोकसभा से  पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और इंदौर के पूर्व विधायक संजय शुक्ला तथा विशाल पटेल भाजपा में शामिल हो चुके हैं। शनिवार सुबह ये सभी नेता भोपाल के भाजपा कार्यालय में पहुंचे और भाजपा की सदस्यता ली। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।

ज़ाहिर है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पचौरी और मालवा इलाके के इन नेताओं का टूटना कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान साबित होगा। संजय शुक्ला का परिवार तो जहां पहले से भाजपा में ही रहा है लेकिन वे पहले आजीवन कांग्रेस में रहने का बयान दे चुके थे। हालांकि उन पर 140 करोड़ रुपए की रिकवरी का भी मामला था जो उनके हालही में विधानसभा चुनाव हारने के बाद बनाया गया था। शुक्ला का कन्सट्रक्शन और खनन का बड़ा कारोबार है और इसी से जुड़ी जांच में प्रशासन ने मामला बनाया है।

ऐसे में माना जा रहा है कि राहत की तलाश में शुक्ला ने ऐसा कदम उठाया। वहीं देपालपुर से विशाल पटेल जो कि कमलनाथ के करीबी हैं उन्हें भी अपने लिए कांग्रेस में अब खास संभावनाएं नजर नहीं आ रहीं थी। ये दोनों ही विधायक बड़ी संपत्ति के मालिक हैं और राजनीति तथा चुनावों में इनका धनबल अहम भूमिका निभाता रहा है। विशाल पटेल भी पहले से ही कैलाश विजयवर्गीय के बेहद खास माने जाते हैं। इन दोनों ही नेताओं को कांग्रेस ने इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था लेकिन दोनों ने ही इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया और खुद को अलग-थलग कर लिया। इसके बाद से ही इनके कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं भीतरखाने जारी थीं।

कांग्रेस  से पचौरी चौबीस साल राज्यसभा, तो राजूखेड़ी तीन बार लोकसभा गए

वहीं सुरेश पचौरी मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे। साल 1984 से वे कुल चार बार कुल 24 साल तक राज्यसभा में भेजे गए। वहीं उन्होंने दो बार लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन जनता ने उन्हें हरा दिया। इसके अलावा पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी तीन बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं लेकिन पिछले दो चुनाव से पार्टी ने उन्हें टिकिट नहीं दिया था। इसके बाद से ही राजूखेड़ी पार्टी से नाराज चल रहे थे और अंततः उनकी नाराजगी भाजपा में जाकर नजर आई। हालांकि साल 1990 में राजूखेड़ी ने अपना पहला चुनाव भाजपा की ओर से ही लड़ा था और इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए और आदिवासियों के बड़े नेता बन गए।

चुनाव हारने के ठीक बाद जिला प्रशासन ने शुक्ला के खिलाफ पुराने मामले में अवैध खनन को लेकर 140 करोड़ रुपए की रिकवरी की फाइल बनाई थी। इसका नोटिस जारी हुआ या नहीं, यह साफ नहीं है। हालांकि, इसके बाद से ही शुक्ला बेहद दबाव में आ गए थे। उन्होंने दो दिन पहले एक प्रदर्शन भी किया था।



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