किसानों को सक्षम बना रही एफपीओ योजना


एफपीओ के तहत संगठित रूप से खेती करने के लिए सरकार सहायता भी उपलब्ध कराएगी, जिससे एक साथ खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण खरीदने में आसान होगी।


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इंदौर। केंद्रीय कृषि मंत्रालय किसानों की उपज के लिए बाजार उपलब्ध कराने को लेकर एफपीओ योजना पर काम कर रहा है। एफपीओ यानी कृषक उत्पाद संगठन। इस योजना के माध्यम से किसानों के संगठन तैयार किए जाते हैं और उनकी उपज के हिसाब से बाजार खोजे जाते हैं।

देश में फिलहाल दस हजार से अधिक कृषक उत्पाद संगठन काम कर रहे हैं। इस योजना को लेकर पिछले दिनों 21 अप्रैल को दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों (सीबीबीओ) का राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहुंचे थे।

सम्मेलन में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में एफपीओ बनाने की योजना कृषि के क्षेत्र में एक क्रांति की शुरूआत है। इस क्रांति के माध्यम से, बुवाई से बाजार तक किसानों को सक्षम बनाकर उनकी आमदनी बढ़ाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने आगे कहा कि एफपीओ से किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सीबीबीओ को हर जतन करना होगा। एफपीओ की परिकल्पना तब ही पूरी होगी, जब एफपीओ बनने के बाद उसका लाभ किसानों को मिलने लगे तथा केसर की तरह उसकी खुशबू फैले और सारे किसान कहें कि हमें भी एफपीओ से जोड़िए व आगे नए एफपीओ गठन के लिए सरकार से मांग हो।” सीबीबीओ को सरकार साधन दे रही है, जिससे अच्छे परिणाम आना चाहिए।

सीबीबीओ इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि वे इस विषय में विशेषज्ञ हैं, जागरूकता फैला सकते हैं, किसानों को खेती में टेक्नालाजी दे सकते हैं, किसान अच्छा- गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करें, इस दृष्टि से मार्गदर्शन कर सकते हैं और किसानों को वाजिब दाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

किसान कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के अनुसार देश में पहले लगभग 7 हजार एफपीओ बने थे, लेकिन अधिकतर टिकाऊ नहीं हो पा रहे थे, इसीलिए इस नई योजना की शुरूआत की गई है। एफपीओ छोटे किसानों के संगठन है। इस पूरी योजना पर सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें एफपीओ के माध्यम से आदान उपलब्ध कराने से लेकर प्रोसेसिंग व उपज की बाजार में उचित दाम पर बिक्री में सहयोग जैसी सुविधाएं दिलाना सरकार का उद्देश्य है। कैसे काम करता है एफपीओ एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन (किसान उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह है, जो कृषि उत्पादन करता हो और खेती-किसानी से जड़ी व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाएगा।

एफपीओ के माध्यम से सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार आसानी से उपलब्ध होगा। एफपीओ के तहत संगठित रूप से खेती करने के लिए सरकार सहायता भी उपलब्ध कराएगी, जिससे एक साथ खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण खरीदने में आसान होगी।

इसके अलावा प्रासेसिंग यूनिट और स्टोरेज की व्यवस्था की जा सकती है और फसल की अच्छी कीमत प्राप्त की जा सकती है। अगर किसान अकेले अपनी फसल को बेचने जाता है तो उसका फायदा बिचौलिया उठाता है। एफपीओ व्यवस्था में बिचौलिये नहीं होंगे, इसलिए किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी।

जानिए इस योजना को…

एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन (किसान उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह है, जो कृषि उत्पादन करता हो और खेती-किसानी से जड़ी व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाएगा। एफपीओ के माध्यम से सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार आसानी से उपलब्ध होगा।

एफपीओ के तहत संगठित रूप से खेती करने के लिए सरकार सहायता भी उपलब्ध कराएगी, जिससे एक साथ खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण खरीदने में आसान होगी। इसके अलावा प्रासेसिंग यूनिट और स्टोरेज की व्यवस्था की जा सकती है और फसल की अच्छी कीमत प्राप्त की जा सकती है। अगर किसान अकेले अपनी फसल को बेचने जाता है तो उसका फायदा बिचौलिया उठाता है। एफपीओ व्यवस्था में बिचौलिये नहीं होंगे, इसलिए किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी।

 

 

साभार इनपुट: गांव कनेक्शन



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