कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को घर बैठे भोजन की सुविधा दे रही कांग्रेस की युवा टीम


कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता प्रतिदिन मरीजों को उनके घर के बाहर पहुंचकर शुद्ध शाकाहारी व पौष्टिक भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रहे हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच शहर में समाजसेवी लोग भी मदद के लिए आगे आए हैं। नगद राशि से लेकर अस्पताल प्रबंधन को सामग्री व संसाधन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

इस महामारी के दौर में जहां लोग एक-दूसरे के घरों में जाना पसंद नहीं कर रहे व परिचितों की मदद के लिए आगे नहीं आ रहे। इन सभी से अलग कोरोना मरीजों को नि:शुल्क रुप से भोजन उपलब्ध करवाने का काम कांग्रेस की युवा टीम कर रही है।

कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता प्रतिदिन मरीजों को उनके घर के बाहर पहुंचकर शुद्ध शाकाहारी व पौष्टिक भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रहे हैं।

जिले में संक्रमण के प्रतिदिन 250 के करीब मरीज सामने आ रहे हैं। इस मर्तबा कोरोना के सामान्य श्रेणी वाले मरीज होम आइसोलेशन के तहत घर पर ही रहकर डॉक्टरों की विशेष निगरानी में अपना उपचार ले रहे हैं। ऐसे मरीजों को नि:शुल्क रुप से भोजन के पैकेट टीम डोड के द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

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इस संबंध में होटल फन एंड फूड के संचालक व़ जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राकेश डोड ने बताया कि

संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद से ही पूरी टीम ने सेवा करने की बात को लेकर तैयारी की। कोरोना वायरस संक्रमण काल में हम यह देख रहे हैं कि कई लोग ऐसे हैं जिनके परिवार में दो या चार सदस्य हैं और जिनका स्थानीय स्तर पर कोई भी रिश्तेदार या स्वजन नहीं है। कई परिवार के सारे सदस्य संक्रमित होने के साथ ही होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे में हमने यह व्यवस्था शुरू की। जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाया जाए। इसमें हमारे वरिष्ठ धीरज दीक्षित का विशेष रूप से मार्गदर्शन मिल रहा है।

अस्पतालों के बाहर फ्लैक्स किए चस्पा –

राकेश डोड ने बताया कि होटल पर संपर्क करने के साथ ही टीम के पार्षद बंटी डोड सहित श्रीजी तोमर, आशीष भाकर, लियाकत पटेल, राजेश कामदार, मनीष भार्गव, टोनी छाबड़ा, संजीव भिड़ोदिया, मनीष जोशी, दीपेंद्र ठाकुर व विकास पटेल आदि के फोन नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं।

इन तक कोई भी व्यक्ति यदि भोजन के लिए सूचना पहुंचाता है तो हम उनके घर तक निःशुल्क भोजन का पैकेट पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग संकोच के कारण मदद नहीं मांगते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सक्षम होने के बाद भी उन्हें खाने के लिए अन्य लोगों पर निर्भर करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की एक अच्छी पहल है। यदि लोग घर से बाहर निकलेंगे तो वे अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। हम लोग चाहते हैं कि इस समय पीड़ित मानवता की सेवा की जाए। इसके लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की सेवा कर पा रहे हैं।

डोड के अनुसार प्रतिदिन 80 से 100 पैकेट भोजन लोगों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके लिए बकायादा जिला अस्पताल व शहर के निजी अस्पतालों के बाहर फ्लैक्स भी चस्पा किए गए हैं।



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