कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जेल के कैदियों से मुलाकात पर लगी रोक, ई-मुलाकात कर सकेंगे परिजन


31 मार्च तक अब कैदियों से मुलाकात नहीं की जा सकेगी। हालांकि जेल के कैदी ई-मीटिग (वीडियो के माध्यम से), कॉल और इनकमिंग फोन कॉल की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar jail

धार। जिले व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ने व वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य जेल विभाग ने कैदियों से मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया है। 31 मार्च तक अब कैदियों से मुलाकात नहीं की जा सकेगी। हालांकि परिजन ई-मुलाकात कर सकेंगे।

जेल विभाग के आदेश के अनुसार, जेलों के अंदर महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कैदियों के दोस्तों, परिवार के सदस्यों और परिचितों की मुलाकात पर 31 मार्च तक प्रतिबंध रहेगा। जेल के कैदी ई-मीटिग (वीडियो के माध्यम से), कॉल और इनकमिंग फोन कॉल की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

अशिक्षित लोगों को पता नहीं –

परिजन जेल में बंद कैदियों से ई-मलाकात अर्थात वीडियो कॉल या टेलीफोन कॉल के जरिये बात कर सकेंगे। वहीं जेल में मुलाकात के लिए आ रहे कम पढ़े-लिखे व आदिवासी इलाकों से आने वाले लोगों को पता नहीं रहता है कि सरकार ने कोरोना के कारण अभी नियम बदल दिए हैं।

फिलहाल फोन कॉल या वीडियो कॉल के माध्यम से बातें करना संभव हो पा रहा है, लेकिन अभी इन अशिक्षित लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण वे सभी मुख्यालय पर आ जाते हैं।

यहां जेल कर्मचारियों के द्वारा उन्हें जेल में बंद कैदियों से फोन कॉल या वीडियो कॉल के जरिये बात करवाई जा रही है व उन्हें जनाकारी दी जा रही है कि अगली बार यहां आकर परेशान ना होते घर बैठे बातें कर सकते हैं।

ई-मुलाकात ऐसे हो सकेगी –

परिजनों को वीडियो कॉल के लिए www.eprisons.nic.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। टेलीफोन के माध्यम से कैदियों से सबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच बात करने की सुविधा रहेगी।

बता दें कि बीते साल कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट के बाद परिजनों को जेल में कैदियों से मलाकात की अनुमुति दी गई थी। वहीं मार्च 2021 में कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी जेल विभाग ने पिछले साल अक्टूबर के अंत तक जेल में कैदियों से मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

जेलों में बंद बंदियों की जानकारी भारत सरकार के एनआईसी के ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्प्यूटर पर संकलित की जाती है। इस सॉफ्टवेयर में ई-मुलाकात की व्यवस्था का प्रावधान है।

जेल अधीक्षक भोपाल राजाराम डांगी ने बताया कि ई-मुलाकात के लिए आवेदन जेल अधीक्षक द्वारा स्वीकृत होने पर बंदी के परिजन अपने घर से ही एक स्मार्ट फोन, डेस्कटॉप या टैब के माध्यम से या किसी एमपी ऑनलाइन सेंटर से, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बंदी से ई-मुलाकात कर उनका वीडियो देख सकेंगे एवं उनसे बात कर सकेंगे।

इस व्यवस्था के शुरू होने से कोविड महामारी की इस कठिन परिस्थिति में बंदियों के परिजनों को अपने घर से जेल जाने की जरूरत नहीं होगी। इससे बंदियों को एवं उनके परिजनों को मुलाकात में सुविधा होगी।

संभावना जताई जा रही है कि इससे तुरंत लाभ के रूप में बंदियों के तनाव में कमी आएगी और दीर्घकालिक लाभ के रूप में बंदियों के परिजनों की समय, खर्च एवं आर्थिक बचत होगी।

निर्देशों का पालन हो रहा है –

सरकार के दिए निर्देशों का पालन करवाया जा रहा है। अभी मुलाकातें बंद हैं। कॉल के माध्यम से 60-70 लोग रोज बातें कर रहे हैं। वहीं वीडियो कॉल के माध्यम से तीन से पांच लोगों की बातें हो रही हैं। – आरआर डांगी, अधीक्षक, जिला जेल, धार



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