मांडू उत्सवः नाराज मंत्री उषा ठाकुर व छतर सिंह दरबार ने नहीं किया दीप प्रज्ज्वलन व औपचारिक उद्घाटन


उद्घाटन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सरकार की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर व धार से भाजपा सांसद छतर सिंह दरबार ही मौजूद रहे। इनके अलावा बाकी कोई अतिथि कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। अपनी खूबसूरत धरोहरों को बटोरने वाला मांडू उत्सव बस औपचारिकता बनकर रह गया। लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी यह इवेंट लोगों को अपनी ओर नहीं खींच पाता है।

मुख्य कार्यक्रम स्थल के सामने खाली कुर्सियां बताती हैं कि आयोजन कहां तक सफल हुआ है। हर साल होने वाले मांडू उत्सव को जबसे इवेंट कंपनी के हाथों में दिया गया है तब से करोड़ो रुपये की बर्बादी हो रही है।

मांडू उत्सव का शनिवार 7 जनवरी 2023 को आगाज तो हुआ लेकिन यह बेहद सूना-सूना नजर आया। उद्घाटन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सरकार की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर व धार से भाजपा सांसद छतर सिंह दरबार ही मौजूद रहे। इनके अलावा बाकी कोई अतिथि कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचा।

mandu utsav lamp

मांडू उत्सव 11 जनवरी तक चलेगा –

मांडू उत्सव का उद्घाटन करते हुए मध्यप्रदेश सरकार की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि

मांडू उत्सव ने अपनी व्यापक पहचान बनाई है। लोकप्रिय सालाना आयोजन मांडू उत्सव का उद्घाटन करना मेरे लिए सम्मान की बात है और मुझे बहुत खुशी हो रही है कि बहुत कम समय में मांडू उत्सव ने अपनी व्यापक पहचान बनाई है। आयोजन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मांडू उत्सव के माध्यम से हम मांडू और उसके आस-पास के क्षेत्रों की सुंदरता और समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित कर रहे हैं। मालवा क्षेत्र के एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में मांडू उभरेगा और इसमें मांडू उत्सव महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित और ई-फेक्टर एंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय मांडू उत्सव में यहां की ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित किया जl रहा है।

उद्घाटन के अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि

मांडू उत्सव के माध्यम से मध्यप्रदेश का पर्यटन विभाग मांडू की ऐतिहासिक विरासत को देश व दुनिया के सामने लाने में सफल रहा है। पर्यटक मांडू को विशेष पर्यटन स्थल के रूप में जानने लगे हैं। इससे न केवल घरेलू पर्यटक बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की रुचि मांडू के प्रति बढ़ रही है। यह प्रयास स्थानीय समुदाय को आर्थिक गति प्रदान करेगा।

यह होंगे खास आकर्षण –

इस साल मांडू उत्वस के तहत पर्यटक कई तरह की गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे। इसमें हॉट एयर बैलून की सवारी से लेकर हेरिटेज वॉक, पवित्र रेवा कुंड में शाम को मां नर्मदा आरती से लेकर सूर्योदय योग तक के आयोजन होंगे। साइकिल यात्रा से लेकर कहानी सुनाने यानी स्टोरी टेलिंग के सत्र होंगे। चौथे संस्करण के मांडू महोत्सव में कार्यक्रमों की एक जीवंत श्रृंखला है।

स्थानीय स्वाद से जोड़ने के लिए मांडू में फूड जोन बनाया जा रहा है जिसमें आगंतुकों को स्थानीय व्यंजन का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। पर्यटक एक जिला एक उज्पाद के तहत हस्तशिल्प की कला से भी रूबरू होंगे और इनकी खरीदी भी कर सकेंगे।

स्थानीयता को मिलेगा महत्व –

इसके अलावा नुपुर कला मंदिर, नव्या चौरसिया, देवराज वशिष्ठ, दीक्षा सोनवलकर, अंजलि सचान, इशिता मुकाती, गुरमीत सिंह डंग, आनंदी लाल भवाल सहित क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों द्वारा उम्दा प्रस्तुति दी जाएगी। महोत्सव में 11 जनवरी 2023 की शाम को लोकप्रिय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा।

mandu utsav opening

लोकप्रिय बैंड दल की भी होगी प्रस्तुति –

इस वर्ष मांडू उत्सव में जज़्बा-ए-जुनून, तापी प्रोजेक्ट, मामे खान और तरकश बैंड सहित प्रमुख संगीत बैंडों की प्रस्तुतियां होंगी, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करेंगी। मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के अपने निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य सरकार और मप्र पर्यटन बोर्ड राज्य की सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर रहा है। इंदौर के नजदीक बसा मांडू प्रदेश की संस्कृतिक विरासत है।

मांडू की छोटी सी झलक –

मांडू पश्चिमी मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित है। मांडू अपने झरनों और अविश्वसनीय स्मारकों के लिए यादगार है। यहां के शानदार दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह शहर बाज बहादुर व रानी रूपमती की गाथा के लिए प्रसिद्ध है।

मांडू ने देश के इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मांडू की यात्रा के लिए मानसून सबसे अच्छा मौसम है। घने बादल व सुंदर पहाड़ी के बीच एक सुखद व शांतिपूर्ण वातावरण मिलता है।

मांडू में अफ्रीकी मूल के बाओबाब पेड़ इसकी पहचान हैं जो मांडू की इमली के रूप में पहचाने जाते हैं। अफगान आदि वास्तुकला पर्यटकों का आकर्षण होते हैं।

इस क्षेत्र की कुछ धरोहर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में प्रस्तावित किया गया है, जिसमें रूपमती का मंडप भी शामिल है। ये सभी जगह मांडू के सबसे अहम पर्यटक केंद्र हैं।



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