जानिये मध्यप्रदेश को चलाने वालीं सबसे ज़रूरी योजनाएं और इन्हें दिया गया बजट


बजट के मूल प्रावधानों से होने वाले नुकसान और फायदे का विश्लेषण फिलहाल बाकी है लेकिन एक नजर उन प्रमुख योजनाओं पर डालनी जानी चाहिए जो प्रदेश में सबसे चर्चित मानी जाती हैं।


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार के बजट में तमाम जरूरी योजनाओं का खयाल रखा गया है सरकार ने सभी योजनाओं में पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने की कोशिश की है। हालांकि बजट के मूल प्रावधानों से होने वाले नुकसान और फायदे का विश्लेषण फिलहाल बाकी है लेकिन एक नजर उन प्रमुख योजनाओं पर डालनी जानी चाहिए जो प्रदेश में सबसे चर्चित मानी जाती हैं।

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल 2,41,375 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। इसके साथ ही पुराने कर में बढ़ोतरी भी नहीं हुई है। बजट में राजकोषीय घाटा 50,938 करोड़ रु अनुमानित है।

जिन अलग – अलग योजनाओं में सरकार ने जितनी राशि का प्रावधान किया है वह निम्न प्रकार से है।

  • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 3200 करोड़ रु का प्रावधान किया गया है।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3035 करोड़ों रु का प्रावधान है।
  • जनजातीय कार्य विभाग की प्राथमिक शालाओं के लिए 2987 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2220 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • नहर एवं उससे संबंधित कार्यों के लिए 2026 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • कला विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय के लिए 2016 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 2000 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना के लिए 2000 रु का प्रावधान है।
  • बांध तथा संलग्न कामों के लिए 1885 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • कल्याण योजना के लिए 1816 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • जनजातीय कार्य विभाग की माध्यमिक शालाओं के लिए 1769 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • हाउसिंग फॉर ऑल के लिए 15 00 करोड़ रु  का प्रावधान है।
  • सीएम राइज योजना के लिए 1500 करोड़ रु  का प्रावधान है।
  • आहार योजना के लिए 1450 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • मध्य प्रदेश विद्युत कंपनी द्वारा पांच एचपी की कृषि पंप प्रेशर तथा एक बत्ती कनेक्शन को निशुल्क विद्युत प्रदाय करने के लिए 1301 करोड़ रु  का प्रावधान है।
  • भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को गति देने के लिए 2021-22 में 262 करोड़ रु का प्रावधान।
  • आंगनवाड़ी सेवाओं के लिए 1272 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • मेग्निफिसेंट एमपी निवेश योजना के लिए 1237 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • जिला और सिविल अस्पताल तथा औषधालय के लिए 1208 करोड़ रु  का प्रावधान है।
  • चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबंधित चिकित्सालय के लिए 1172 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के लिए 1144 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
  • मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लिए 1001 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • अटल मिशन फॉर रेजुउविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन के लिए 1000 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय के लिए 870 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 922 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • स्मार्ट सिटी के लिए 900 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • अनुरक्षण एवं मरम्मत तथा साधारण मरम्मत हेतु 891 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्मित सड़कों का नवीनीकरण एवं उन्नयन करने के लिए 850 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • गहन पशु विकास परियोजना के लिए 664 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए 620 करोड रु का प्रावधान है।
  • मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 602 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • मध्यप्रदेश सड़क विकास कार्यक्रम के लिए 600 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • मुख्यमंत्री संबल योजना के लिए 600 करोड़ रु का प्रावधान है।
  •  प्रतीकात्मक वन रोपण निधि के लिए 550 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • कैंपा योजना के लिए 350 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • कैंपा प्रतिपूरक वनीकरण के लिए 211 करोड़  रु का प्रावधान है।
  • कैंपा निवल वर्तमान के लिए 388 करोड रु का प्रावधान है।
  • ओला पीड़ितों के लिए 150 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • भू प्रबंधन के लिए 158 करोड रु का प्रावधान है।
  • आपदा प्रबंधन योजनाओं के लिए 450 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
  • 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत क्षमता निर्माण हेतु 240 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • बाढ़ एवं अतिवृष्टि पीड़ितों को सहायता देने के लिए 430 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • राजस्व विभाग के अंतर्गत राजस्व पुस्तक 64 के अंतर्गत आपदा में आर्थिक सहायता के लिए 622 करोड़ रु का प्रावधान है।
  • शासन के उपक्रमों की पुनः संरचना के लिए लोन देने के लिए 550 करोड रुपए का प्रावधान है।



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