रिश्वत लेते जेलप्रहरी के पकड़े जाने के बाद प्रदेशभर में बदली जा रहीं व्यवस्थाएं, तबादलों से शुरुआत

अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। जेल विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव किये जा रहे हैं। जेल मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक करीब तीस जेलरों को अपने स्थान से हटना होगा। इन्हें अपनी मूल पदस्थापना वाली जेल में भेजा जा रहा है।

इसके अलावा एक और आदेश जारी किया गया है जिसमें चार जेलरों को व्यवस्था बनाने के लिए जेलरों को उनकी मूल पदस्थापना से हटाकर नई जेल भेजा जा रहा है। इन चार लोगों की सूची में महू उपजेल का भी नाम है।

महू उपजेल में पिछले दिनों एक संतरी पच्चीस हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। इस जेल में यहां के पुराने जेलर मनोज चौरसिया को भेजा जा रहा है।

खास बात ये है कि महू उपजेल में दो दिन पहले ही वहां के एक संतरी अजेंद्र सिंह राठौर को पच्चीस हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा था।

राठौर यह रिश्वत एक सफाई कर्मी मनीष बाली के मार्फत एक कैदी के परिजनों से ले रहा था। वहीं अजेंद्र से जब लोकायुक्त ने पूछताछ की तो पता चला था कि वह यह रिश्वत जेलर बृजेश मकवाना के लिये ले रहा था।

सोमवार को रिश्वत लेते पकड़ा गया था प्रहरी अजेंद्र राठौर और सफाईकर्मी मनीष बाली

हालांकि इस मामले में लोकायुक्त के सामने जेलर मकवाना के हाथ तो लाल नहीं हुए लेकिन उन पर लगा आरोप भी कम संगीन नहीं था। इसके बाद अब जेलर मकवाना को उनकी मूल पदस्थापना पर इंदौर जिला जेल भेज दिया गया है।

इसके अलावा जेल विभाग द्वारा जारी आदेश में जेलर आरपी वासुनिया को नीमच जिला जेल से झाबुआ के लिये, अनुभा चौधरी को सागर से बेगमगंज और दिनेश कुमार दांगी को इंदौर की सेंट्रल जेल से सुसनेर भेजा गया है।

एक दूसरी दिलचस्प बात ये है कि जेलर मनोज चौरसिया पहले भी महू उपजेल में पदस्थ रह चुके हैं और रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया प्रहरी राठौर उनका भी ख़ास बताया जाता है। अब इस तबादले से महू उपजेल की व्यवस्थाएं कितनी बदलेंगी यह कहना फिलहाल मुश्किल है।

लोकायुक्त पुलिस की जांच में पता चला था कि इस उपजेल में जिस कैदी के परिजनों से रिश्वत मांगी गई थी वह इस ऐवज़ में थी कि जेल में उसे ठीक खाना मिले, उसके साथ ठीक व्यवहार हो और उसके साथ मारपीट न की जाए।

इस मामले के सामने आने के बाद अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि महू उपजेल में रिश्वत नहीं देने वाले कैदियों की क्या हालत हो सकती है। हालांकि जेलों के जानकार बताते हैं कि तकरीबन यही स्थिति प्रदेश की ज्यादातर जेलों की है। जहां अपराध से नहीं अपराधी से घृणा की जाती है।

जिन अन्य जेल अधिकारियों के तबादले किये गए हैं उनकी सूची यह है।

 

 

 

 

 



Related